कासगंज: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भले ही सपा अपनी सरकार न बना पाई हो, लेकिन हार से सबक लेकर सपा नेता और कार्यकर्ता अभी से अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुट गए हैं. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने भी कासगंज में डेरा जमाया हुआ है. वे लगातार क्षेत्र में स्थानीय समस्याओं को उठा रहे हैं. निश्चित तौर पर इसको सपा की 2024 की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने 2024 में एटा में बड़े राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाने के संकेत दिए हैं.
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने बताया कि वह लगातार क्षेत्र में घूम-घूम कर स्थानीय समस्याओं को उठा रहे हैं. इसके लिए अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों में मेरी व्यक्तिगत कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन समाजवादी पार्टी के पास अन्य कई विकल्प हैं जिनके साथ हम अपनी 2022 के चुनाव की गलतियों से सबक लेते हुए पूरी तैयारी के साथ 2024 और 2027 में उतरेंगे.
2024 के लिए सपा प्रवक्ता ने कासगंज के संसदीय क्षेत्र एटा लोकसभा पर सपा प्रत्याशी के तौर पर तीन नामों की चर्चा कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. उन्होंने कहा कि सपा 2024 के लोकसभा चुनाव में एटा लोकसभा से शाक्य प्रत्याशी को उतार सकती है. नामों का खुलासा करते हुए सपा प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य, डॉक्टर नवल किशोर शाक्य और अमांपुर विधानसभा चुनाव हारे सत्यभान शाक्य को सपा लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बना सकती है. अब्दुल हफीज गांधी ने बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य की 2024 में एटा लोकसभा पर सपा की संभावित प्रत्याशी के रूप में चर्चा कर यह साफ कर दिया कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले संघमित्रा मौर्य बीजेपी को बॉय-बॉय कह कर अपने पिता का साथ देने के लिए सपा का दामन थाम सकती हैं.
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अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर एटा लोकसभा सीट पर यह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी होगी. सांसद राजवीर सिंह लोधे राजपूत बिरादरी से आते हैं. एटा में लोधे राजपूत की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके बाद शाक्य समाज आता है, वहीं यादव और मुस्लिम तीसरे स्थान पर हैं. ऐसे में शाक्य प्रत्याशी अगर सपा से खड़ा होता है तो बीजेपी का वोट कट सकता है. ऐसे में एटा लोकसभा सीट पर 2024 में बीजेपी और सपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
एटा लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण
लोधे राजपूत मतदाता : लगभग 3 लाख
शाक्य : दो लाख 25 हजार
यादव : दो लाख 20 हजार
जाटव : दो लाख
मुस्लिम : दो लाख
ठाकुर : एक लाख 7 हजार
ब्राह्मण : 90 हजार
बघेल : 80 हजार
वैश्य : 70 हजार
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