कासगंज: जिले में तीन वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित नन्ने लाल हत्याकांड मामले में शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान जिला सत्र न्यायाधीश ने एक युवक को दोष मुक्त करते हुए दो युवकों को दोषी ठहराया. अदालत ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास के अलावा दस-दस हजार रुपये के अर्ददंड की सजा सुनाई.
तीन आरोपियों को किया था नामजद
दरअसल 16 जून 2017 में सहावर थाना क्षेत्र के गांव ताली में नन्ने लाल पुत्र रामबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में नन्नेलाल के पिता रामबीर सिंह ने गांव के सियाराम, नन्ने राम पुत्र कैलाश और बबलू पर हत्या का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में कासगंज कोतवाली पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था.
दोषियों को आजीवन कारावास की सजा
शुक्रवार को पक्ष-विपक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश ज्योत्सना शर्मा ने सियाराम, नन्नेराम को हत्या में दोषी मनाते हुए आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं बबलू को दोष मुक्त कर दिया गया.
न्याय मिलने से परिजनों में खुशी
जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह यदुवंशी ने मीडिया को बताया कि हत्या अवैध संबंधों के चलते हुई है. दोनों ने नन्ने लाल को डीजे बजाने के बहाने घर पर बुलाया था. यहां दोनों ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी. इसके बाद आरोपियों ने शव को छत से नीचे फेंक दिया. इस मामले में दोनों को ही न्यायायिक हिरासत में जेल भेजा दिया गया है. मृतक के परिजन न्याय मिलने से खुश नजर आ रहे हैं.
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