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कासगंज: कागजों में गांव ODF घोषित, हकीकत कुछ और - ओडीएफ

उत्तर प्रदेश के कासगंज में गांव ओडीएफ करने की होड़ में मानक और गुणवत्ता को दरकिनार कर अधिकारियों ने कागजों में गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया, लेकिन गांव में आधे से ज्यादा लोगों को शौचालय नहीं मिले हैं. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों के शौचालय बनने हैं प्रधान उनसे 3 हजार रुपये की मांग कर रहा है.

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शौच मुक्त करने की योजना गढ्ढे में गिरी औंधे मुंह
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Published : Feb 11, 2020, 6:21 PM IST

कासगंज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को जिम्मेदार अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. जिले के विकासखंड गंजडुंडवारा क्षेत्र के देवकली गांव में ओडीएफ करने की होड़ में मानक और गुणवत्ता को दरकिनार कर अधिकारियों ने कागजों में गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया. वहीं ग्रामीण आज भी सड़क किनारे और खुले में शौच करने को करने को मजबूर है.

ग्रामीणों ने प्रधान पर लगाया रुपये मांगने का आरोप.

जनपद कासगंज के गंजडुंडवारा ब्लॉक के गांव देवकली में आधे से ज्यादा लोगों को शौचालय नहीं मिले हैं और गांव में ओडीएफ घोषित होने का बोर्ड लगा दिया गया है. यहां आज भी लोग खेतों में शौच के लिए जाते हैं. जो शौचालय बने हुए हैं, वह मानक के अनुरूप नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों के शौचालय बनने हैं, प्रधान उनसे 3 हजार रुपये की मांग कर रहा है.

शौचालय के अलावा अन्य विकास कार्यों की बात करें तो गांव की कुछ ही गलियों में इंटरलॉक है और आधे से ज्यादा गांव में नहीं है. इतना ही नहीं ग्रामीणों की माने तो जहां इंटरलॉक नहीं कराई गई है, उसका भी पैसा निकाल लिया गया है.

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई भी अधिकारी हमारे गांव में नहीं आया. गांव में कोई सफाईकर्मी सफाई करने के लिए नहीं आता है, जिसकी वजह से गांव में गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है.

ये भी पढ़ें- कासगंज: बाल-बाल बची बच्चे की जान, कीटनाशक की बोतल में पिलाया दूध

जब इस बारे में डीपीआरओ शहनाज अंसारी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इस मामले की जांच कराकर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कासगंज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को जिम्मेदार अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. जिले के विकासखंड गंजडुंडवारा क्षेत्र के देवकली गांव में ओडीएफ करने की होड़ में मानक और गुणवत्ता को दरकिनार कर अधिकारियों ने कागजों में गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया. वहीं ग्रामीण आज भी सड़क किनारे और खुले में शौच करने को करने को मजबूर है.

ग्रामीणों ने प्रधान पर लगाया रुपये मांगने का आरोप.

जनपद कासगंज के गंजडुंडवारा ब्लॉक के गांव देवकली में आधे से ज्यादा लोगों को शौचालय नहीं मिले हैं और गांव में ओडीएफ घोषित होने का बोर्ड लगा दिया गया है. यहां आज भी लोग खेतों में शौच के लिए जाते हैं. जो शौचालय बने हुए हैं, वह मानक के अनुरूप नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों के शौचालय बनने हैं, प्रधान उनसे 3 हजार रुपये की मांग कर रहा है.

शौचालय के अलावा अन्य विकास कार्यों की बात करें तो गांव की कुछ ही गलियों में इंटरलॉक है और आधे से ज्यादा गांव में नहीं है. इतना ही नहीं ग्रामीणों की माने तो जहां इंटरलॉक नहीं कराई गई है, उसका भी पैसा निकाल लिया गया है.

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई भी अधिकारी हमारे गांव में नहीं आया. गांव में कोई सफाईकर्मी सफाई करने के लिए नहीं आता है, जिसकी वजह से गांव में गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है.

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जब इस बारे में डीपीआरओ शहनाज अंसारी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इस मामले की जांच कराकर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:Place - Kasganj
Date - 11 February 2020
Reporter - Dharmendra Singh
Mo no - 8448949265


ओडीएफ का दावा हुआ फेल,कागजों में हुआ शौचालय निर्माण का खेल।


एंकर//वीओ_कासगंज जनपद के विकासखंड गंजडुंडवारा में क्षेत्र में शौच मुक्त करने की योजना गड्ढे में जा गिरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को जिम्मेदार पलीता लगा रहे हैं। विकासखंड गंजडुंडवारा क्षेत्र के देवकली गांव में ओडीएफ करने की होड़ में मानक व गुणवत्ता को। दरकिनार कर अधिकारी धरातल पर। उतरने की बजाय कागजों में गांव को ओडीएफ करने का ताना-बाना बुन रहे हैं। जिससे आज भी सड़क किनारे व खुले मैदान में ग्रामीण शौच करने के लिए जा रहे हैं।



आपको बता दें जनपद कासगंज के गंजडुंडवारा ब्लॉक के गांव देवकली में शौंचालय और विकास कार्यो की हकीकत को जाना तो पता चला कि आधे से ज्यादा लोगों को शौचालय नहीं मिले हैं और गाँव में ओडीएफ घोषित होने का बोर्ड भी लगा दिया गया है। जहाँ आज भी सभी महिलाएं व पुरुष खेतों में सोच के लिए जाते हैं और जो शौचालय बने हुए हैं वह मानक के अनुरूप नहीं  है गांव वालों का कहना है हमारे गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है कीचड़ के रास्ते से निकलते हैं। वही जिन लोगों के शौचालय बनने  है उनसे प्रधान 3 हजार रुपए की  मांग  कर रहे हैं। वही शौंचालय के अलाबा अन्य विकास कार्यो की बात करे तो गांव की कुछ ही गलियों में इंटरलॉक है और आधे  से ज्यादा गांव में इंटरलॉक नहीं है। इतना ही नहीं ग्रामीणों की माने तो जहां इंटरलॉक नहीं  कराई है  उस का भी का पैसा  निकाल लिया गया है। जहाँ ग्रामीण महिला और पुरुषो का कहना है कि  हमने कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन आज तक कोई भी अधिकारी हमारे गांव में नहीं आए और ना ही गांव में कोई सफाई कर्मी सफाई करने के लिए आता है जिसकी बजह से गाँव में गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है। और गलियों में कीचड़ भरी पड़ी है। जहाँ गांव वालों का कहना है हमारे छोटे छोटे बच्चे कीचड़ के रास्ते से निकलते हैं जिससे आगे चलकर इन्हें बीमारी भी हो सकती है लेकिन अधिकारी जानबूझकर अनजान है इसी  के चलते यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि हमारे गांव को स्वच्छ बनवाएं ताकि आगे चलकर हमारे बच्चे स्वस्थ रह सके। अब देखना होगा कि जिले के आलाधिकारी ग्रामीणों की समस्या  तक समाधान कर पाते है। वही जब इस बारे में हमने डीपीआरओ शहजाद अंसारी से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है में इस मामले की जांच कराकर सख्त से सख्त कार्यबाही करुँगी। 




बाइट:सीमा देवी,ग्रामीण महिला।

बाइट:ग्रामीण महिला

बाइट:चरन सिंह ,ग्रामीण

बाइट:शहनाज अंसारी_(DPRO)Body:KasganjConclusion:Kasganj
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