कासगंजः कासगंज में पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया, जब पुलिस हिरासत में एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली. एसपी ने इस पूरे प्रकरण में लापरवाही बरतने पर सदर कोतवाल सहित पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
दरअसल कासगंज की सदर कोतवाली में नाबालागि लड़की भगाने के मामले में पुलिस द्वारा नामजद अभियुक्त अल्ताफ (22) निवासी अहरोली को पूछताछ के लिए लाया गया था. युवक द्वारा मौजूद पुलिस कर्मचारी को बाथरूम ले जाने के लिए कहा. इसके बाद पुलिस कर्मचारी ने अल्ताफ को हवालात के बाथरूम में ले जाया गया.
जब काफी समय तक युवक बाथरूम से बाहर नहीं आया तो पुलिस कर्मचारी ने अंदर जाकर देखा तो चौंक गया. पुलिस कर्मचारी ने देखा कि अल्ताफ ने अपने जैकेट में लगी डोरी को पाइप में बांधकर अपना गला कस लिया गया था. पुलिसकर्मी ने पास में जाकर देखा तो युवक की सांस चल रही थी. इसके बाद आनन-फानन में पुलिस कर्मियों ने युवक के गले से डोरी खोल कर अशोक नगर स्थित अस्पताल ले जाया गया. यहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने अल्ताफ को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
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वहीं, कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने पर सदर कोतवाल वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, उप निरीक्षक विकास कुमार, उप निरीक्षक चंद्रेश गौतम, हेड मोहर्रिर धनेंद्र सिंह, कांस्टेबल सौरव सोलंकी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. एसपी ने बताया कि पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है.
उधर, मतृक अल्ताफ के पिता का कहना है कि सोमवार को शाम आठ बजे लड़की भगाने के शक में नदरई गेट चौकी पुलिस को अपने हाथों से अपने बच्चे अल्ताफ को पकड़ कर दिया था. जब मैं दोबारा चौकी पर गया तो पुलिस वालों ने मुझे फटकार के भगा दिया. अब 24 घंटे बाद मुझे पता चला कि कि मेरे बच्चे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मेरे बेटे ने आत्महत्या नहीं की है. मुझे यही उम्मीद है कि पुलिस वालों ने ही फांसी लगाकर उसकी हत्या कर दी है.