कासगंज: जिले में डीएम के प्रयासों से प्रशासन ने गंगा के किनारे हजारों बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को हटाकर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है. उस जगह पर लाखों पौधों का रोपण कर 9 किलोमीटर का देश का पहला गंगा ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा.
जिला वन्य निरीक्षक दिवाकर वशिष्ठ ने बताया कि डीएम चंद्रप्रकाश सिंह की पहल पर प्रशासन ने सर्वप्रथम 2019 में गंगा किनारे की अवैध कब्जा की हुई 97 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराकर 1 लाख 1 हजार पौधों का रोपण कर गंगावन की स्थापना की थी. वहीं वर्ष 2020 में दतलाना धाम गांव में ग्राम समाज की अवैध कब्जा की हुई 316 हेक्टेयर भूमि कब्ज़ा मुक्त करा कर वहां पर मानव निर्मित भगीरथ वन स्थापित किया गया, जिसमें 3लाख 51 हजार पौधों का रोपण किया गया. गंगावन और भगीरथ वन नमामि गंगे योजना के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है.
9 किमी लंबा बनेगा ग्रीन गंगा कॉरिडोर
इस योजना में एक बार में एक ही स्थान पर इतने बड़े क्षेत्र में इतना बड़ा पौधरोपण कहीं नहीं हुआ है. कासगंज जिलाधिकारी चन्द्रप्रकाश सिंह के प्रयासों से गंगावन और भगीरथ वन के बीच मे 9 किलोमीटर का एक ग्रीन गंगा कॉरिडोर बनाने की एक योजना तैयार की गई. इसके लिए प्रशासन के द्वारा 275 हेक्टेयर सरकारी भूमि को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराकर वन विभाग को हस्तांतरित कराया गया. जिन गांवों में भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया, उन गांवों में मुख्य रूप से वपरौतिया, अकबरपुर मुड़िया, घटेश्वर, चंदनपुर घटियारी, दतलाना, पचलान, कुमरवा गांव शामिल हैं. इस भूमि पर आने वाले वर्षाकाल में 3 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा.
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जिला वन्य निरीक्षक दिवाकर वशिष्ठ ने बताया कि गंगावन और भगीरथ वन के बीच 9 किलोमीटर के क्षेत्र को एक दूसरे से जोड़ने की योजना बनाई गई है. सभी छोटे छोटे वनों को जोड़ते हुए एक ग्रीन गंगा कॉरिडोर तैयार करने की योजना को जल्दी ही क्रियान्वित किया जाएगा. यह ग्रीन गंगा कॉरिडोर भारत का पहला ग्रीन गंगा कॉरिडोर होगा.