कानपुर: सपा विधायक इरफान सोलंकी की जमानत अर्जी सोमवार को जहां गैंगस्टर कोर्ट में खारिज हो गई थी. जबकि मंगलवार को महाराजगंज जेल से ही उनकी वर्चुअल पेशी कराई गई. एक ही दिन में सपा विधायक के दो मामलों की सुनवाई की गई. जाजमऊ थाना में दर्ज आगजनी संबंधी मुकदमे में पेशी के बाद उनकी रिमांड 30 जनवरी तक बढ़ा दी गई. मंगलवार को इस मामले में रिमांड खत्म होनी थी. वहीं, एक अन्य मामले में भी सुनवाई के बाद सपा विधायक को कोर्ट से किसी तरह की राहत नहीं मिली. सपा विधायक महाराजगंज जेल में जबकि उनके भाई रिजवान कानपुर जेल में बंद हैं. सपा विधायक पर आगजनी, जमीन कब्जाने, मारपीट समेत 10 से अधिक मामले पिछले दो माह के अंदर जाजमऊ, ग्वालटोली समेत अन्य थानों में दर्ज किए गए हैं.
सपा विधायक इरफान सोलंकी जब वर्चुअल पेश हुए तो अभियोजन पक्ष ने आगजनी के मुद्दे पर कई सवाल किए. जिसका जवाब सपा विधायक ने देते हुए खुद को निर्दोष बताया. ऐसे में जज की ओर से उनकी रिमांड 30 जनवरी तक बढ़ाई गई. इसके बाद दूसरे मामले प्लाट पर कब्जा करने के मामले में जिला जज की कोर्ट में अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई. अभियोजन पक्ष की ओर से सपा विधायक को दोषी बताया गया. हालांकि जज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत के लिए अगली सुनवाई के लिए 23 जनवरी की तिथि तय कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस को केस डायरी जमा करने के भी आदेश दिए हैं.
सपा विधायक इरफान सोलंकी को बचाने के लिए सपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी प्रयास तो खूब कर रहे हैं. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है. मंगलवार को जब सपा विधायक की वर्चुअल पेशी हुई तो सपा विधायक के पक्ष में कई अधिवक्ता व पदाधिकारी कोर्ट पहुंचे. लेकिन रिमांड आगे बढ़ने के बाद सभी के चेहरे पर मायूसी छाई रही.
यह भी पढ़ें- MLA Irfan Solanki और उनके भाई रिजवान को झटका, गैंगस्टर कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका