कानपुर : एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों का उज्जवल भविष्य बनाने के लिए नई-नई योजनाएं बना रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को सभी प्रकार की सुविधाएं समय पर मिल सके, वहीं कानपुर से महज 40 किलोमीटर दूर एक गांव ऐसा है, जहां नदी पर पुल न होने के चलते ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इसके चलते ग्रामीणों ने प्रशासनिक आलाधिकारियों की चौखट पर चक्कर काटने के दौरान चंदा जुटा कर खुद लकड़ी के पुल का निर्माण कर डाला.
ग्रामीणों में बना डाला लकड़ी का पुलघाटमपुर कोतवाली के उदयपुर गांव में ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाते हुए रिन्द नदी के ऊपर खुद से एक लकड़ी का पुल बना डाला है. अब ग्रामीण उसी पुल के जरिए नदी को पार कर रहे हैं और अपने काम कर रहे हैं. चंदा इकट्ठा कर जुटाए पुल के पैसे
गांव के हित ओर स्कूली बच्चों के आवागमन को देखते हुए ग्रामीणों ने आपस में चंदा जुटाकर खुद ही रिन्द नदी पर लकड़ी के पुल का निर्माण शुरू कर दिया. पुल के बन जाने से अब ग्रामीण इसी पुल का इस्तेमाल करके अपना कार्य कर रहे हैं. बच्चे भी इसी पुल के जरिए स्कूल जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि पुल के बन जाने से उनके आवागमन की समस्या खत्म हो गई है.
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने नहीं सुनी गुहार
ग्रामीणों के अनुसार, कई बार जनप्रतिनिधियों ओर आलाधिकारियों की चौखट पर चक्कर लगाने के बावजूद अब तक किसी ने भी उनकी फरियाद नहीं सुनी, जिसके बाद ग्रामीणों ने यह बीड़ा अपने ही कंधों पर उठा लिया. पुल निर्माण का कार्य ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से कर दिया.
शासन और प्रशासन को दिखाया आईनाग्रामीणों ने खुद से लकड़ी के पुल को बनाकर शासन और प्रशासन को आईना दिखाया है कि जहां एक तरफ सरकार विकास की बात करती हैं तो वहीं अभी भी कई ऐसे गांव हैं, जो विकास से दूर हैं. यहां के लोग लगातार विकास की मांग करते हैं, लेकिन न सरकार और न ही प्रशासन उनकी बात सुनता है. इससे गांवों तक विकास नहीं पहुंच पा रहा है.