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मारा गया 5 लाख का इनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे

विकास दुबे की पलटी गाड़ी
विकास दुबे की पलटी गाड़ी
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Published : Jul 10, 2020, 7:21 AM IST

Updated : Jul 10, 2020, 9:12 AM IST

07:17 July 10

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एनकाउंटर के दौरान पुलिस और एसटीएफ की टीम ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे को ढेर कर दिया. पुलिस के मुताबिक विकास को कानपुर लाते समय गाड़ी पलट गई. उसी दौरान एसटीएफ अधिकारी की पिस्टल छीनकर विकास दुबे भागने लगा और पुलिस पर गोली चलाई. आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें विकास मारा गया.

एसटीएफ की पलटी गाड़ी.

कानपुरः कानपुर के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ के मुख्य आरोपी विकास दुबे को एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसकी पुष्टि की है. इससे पहले विकास को लेकर यूपी एसटीएफ मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लौट रही थी. इसी दौरान उसकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. विकास ने पुलिसकर्मी का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोलियां भी चलाई. पुलिस के मुताबिक, जवाबी कार्रवाई के दौरान विकास को गोलियां लगीं. इससे पहले उसे सरेंडर का मौका भी दिया गया.

एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान विकास को कमर, सीना और पेट में कुल तीन गोलियां लगीं. इसके बाद उसे कानपुर के हैलेट अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एनकाउंटर के दौरान 4 पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है.

कानपुर मुठभेड़ में कब क्या हुआ?

2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने करने के लिए 2 जुलाई की रात 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी. इस दौरान विकास की गैंग ने डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.

3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया. 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बदमाशों की धरपकड़ के लिए एक ओर STF को लगा दिया गया और विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए 40 टीमें लगाई गईं.

4 जुलाईः विकास दुबे को दबिश से पहले सूचना देने के मामले में संदिग्ध चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी से एसटीफ ने पूछताछ की. वहीं कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और पूछताछ शुरू की गई.

5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को घेर लिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया. उसने खुलासा किया कि विकास को दबिश से पहले थाने से फोन आया था और उसने अपने साथियों को बुलाकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.

6 जुलाई: पुलिस ने अमर दुबे की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.

7 जुलाईः शहीद पुलिस वालों के घरों में जाकर मंत्रियों ने एक करोड़ की धनराशि दी थी. इस दिन STF ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि चौबेपुर थाने के एक दारोगा और एक सिपाही ने दबिश के पहले विकास दुबे से फोन पर बात की थी. निलंबित पुलिसकर्मियों में इन दोनों का नाम शामिल है.

8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय समेत कई बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. इसी मामले में चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे, लेकिन बीच में ही उस जगह को छोड़कर चले गए थे.

9 जुलाई: प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय और रणबीर शुक्ला उर्फ बउआ एनकाउंटर में मारे गए. वहीं 9 जुलाई को ही विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ. अब उत्तर प्रदेश एसटीफ की टीम मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गई है.

10 जुलाईः यूपी एसटीएफ विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर देहात आ रही थी, इसी बीच काफिले की गाड़ी पलट गई. इसी दौरान विकास दुबे मौका देखकर पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चला दी. वहीं पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे ढेर हो गया. विकास दुबे की शुक्रवार को कानपुर देहात कोर्ट में पेशी होनी थी.

07:17 July 10

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एनकाउंटर के दौरान पुलिस और एसटीएफ की टीम ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे को ढेर कर दिया. पुलिस के मुताबिक विकास को कानपुर लाते समय गाड़ी पलट गई. उसी दौरान एसटीएफ अधिकारी की पिस्टल छीनकर विकास दुबे भागने लगा और पुलिस पर गोली चलाई. आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें विकास मारा गया.

एसटीएफ की पलटी गाड़ी.

कानपुरः कानपुर के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ के मुख्य आरोपी विकास दुबे को एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसकी पुष्टि की है. इससे पहले विकास को लेकर यूपी एसटीएफ मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लौट रही थी. इसी दौरान उसकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. विकास ने पुलिसकर्मी का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोलियां भी चलाई. पुलिस के मुताबिक, जवाबी कार्रवाई के दौरान विकास को गोलियां लगीं. इससे पहले उसे सरेंडर का मौका भी दिया गया.

एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान विकास को कमर, सीना और पेट में कुल तीन गोलियां लगीं. इसके बाद उसे कानपुर के हैलेट अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एनकाउंटर के दौरान 4 पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है.

कानपुर मुठभेड़ में कब क्या हुआ?

2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने करने के लिए 2 जुलाई की रात 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी. इस दौरान विकास की गैंग ने डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.

3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया. 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बदमाशों की धरपकड़ के लिए एक ओर STF को लगा दिया गया और विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए 40 टीमें लगाई गईं.

4 जुलाईः विकास दुबे को दबिश से पहले सूचना देने के मामले में संदिग्ध चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी से एसटीफ ने पूछताछ की. वहीं कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और पूछताछ शुरू की गई.

5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को घेर लिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया. उसने खुलासा किया कि विकास को दबिश से पहले थाने से फोन आया था और उसने अपने साथियों को बुलाकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.

6 जुलाई: पुलिस ने अमर दुबे की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.

7 जुलाईः शहीद पुलिस वालों के घरों में जाकर मंत्रियों ने एक करोड़ की धनराशि दी थी. इस दिन STF ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि चौबेपुर थाने के एक दारोगा और एक सिपाही ने दबिश के पहले विकास दुबे से फोन पर बात की थी. निलंबित पुलिसकर्मियों में इन दोनों का नाम शामिल है.

8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय समेत कई बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. इसी मामले में चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे, लेकिन बीच में ही उस जगह को छोड़कर चले गए थे.

9 जुलाई: प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय और रणबीर शुक्ला उर्फ बउआ एनकाउंटर में मारे गए. वहीं 9 जुलाई को ही विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ. अब उत्तर प्रदेश एसटीफ की टीम मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गई है.

10 जुलाईः यूपी एसटीएफ विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर देहात आ रही थी, इसी बीच काफिले की गाड़ी पलट गई. इसी दौरान विकास दुबे मौका देखकर पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चला दी. वहीं पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे ढेर हो गया. विकास दुबे की शुक्रवार को कानपुर देहात कोर्ट में पेशी होनी थी.

Last Updated : Jul 10, 2020, 9:12 AM IST
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