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कानपुर में पुरानी कारों का बाजार भी आर्थिक मंदी का शिकार - used cars in kanpur

यूपी के कानपुर जिले में कोरोना का असर पुरानी गाड़ियों की सेल पर भी पड़ा है. कोविड-19 के चलते जहां मध्यम वर्ग के लोगों को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इसका असर गाड़ियों की बिक्री पर भी दिखाई दे रहा है.

सेकंड हैंड कारों की मांग में गिरावट.
सेकंड हैंड कारों की मांग में गिरावट.
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Published : Oct 22, 2020, 3:08 PM IST

कानपुर: देश में जहां कई जगह पुरानी कारों की डिमांड बढ़ी है, तो वहीं कानपुर महानगर में इनकी सेल में गिरावट आई है. कोविड काल में समाज का हर तबका प्रभावित हुआ है. वहीं आर्थिक समस्याओं ने मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है. इसके चलते व्यापार में भी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे सूरतेहाल में पुरानी गाड़ियों का बाजार भी अछूता नहीं है.

जानकारी देते ग्राहक और कार डीलर.

लॉकडाउन से उद्योग धंधे प्रभावित
कोरोना महामारी के चलते 3 महीने का लॉकडाउन रहा. इसके चलते उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए. इसमें सबसे ज्यादा समस्या मध्यम वर्ग के लोगों को हुई है, क्योंकि उनके पास आय के सीमित साधन ही उपलब्ध रहते हैं. वहीं अब आर्थिक स्थितियों को फिर से पटरी पर लाने के लिए अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. अब धीरे-धीरे सारे उद्योग-व्यापार पटरी पर आ रहे हैं. इसके चलते लोग भी अब धीरे-धीरे घरों से बाहर निकल रहे हैं.

आर्थिक मंदी से लोग परेशान
कोरोना के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे लेकर लोग जागरूक दिख रहे हैं. अब लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से परहेज कर कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं. अब चाहे कार नई हो या पुरानी.

आर्थिक संकट की वजह से लोग अपनी जरूरत की हसरत को दिल में ही दबाए बैठे हुए हैं. लोगों का बजट बुरी तरह से चरमराया हुआ है. कानपुर का सेकंड हैंड कार बाजार सुस्त पड़ा हुआ है. कोविड काल के बाद अब एक्सपर्ट बताते है कि गाड़ियों की बिक्री घटकर आधे से भी कम रह गई है, जिससे उनके लिए भी व्यापारिक मजबूरी खड़ी हो गई है.

सेकंड हैंड कारों की ब्रिकी में आई गिरवट
सेकंड हैंड कार डीलरों ने माना कि कोरोना के चलते पुरानी कारों की ब्रिकी में गिरावट आई है. उनके मुताबिक पहले जहां महीने में 100 गाड़ियां बिकती थीं, अब इनकी संख्या घटकर आधी हो गई है. अब महीने में महज 40 गाड़ियां ही बिक पा रही हैं.

कोविड-19 के चलते लोगों के पास रोटी और रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में वह नई गाड़ी पर चल रही ईएमआई को ही नहीं समय से वहन कर पा रहे है. तो गाड़ियां कहां से खरीदेंगे.

सेकंड हैंड गाड़ी खरीदते समय रखी जाने वाली सावधानियां
गाड़ियों के एक्सपर्ट सुधीर सचान ने बताया कि गाड़ी लेते समय पेपर सबसे कीमती हैं. सबसे पहले पेपर सब चेक कर लेना चाहिए. यह चेक कर लेना चाहिए कि गाड़ी में किसी प्रकार का कोई लोन पेंडिंग तो नहीं है. गाड़ी का टायर ठीक है कि नहीं. कहीं गाड़ी के मीटर से तो कोई छेड़खानी नहीं हुई थी. इंजन, क्लच, गियर इनमें कोई दिक्कत तो नहीं है.

कानपुर: देश में जहां कई जगह पुरानी कारों की डिमांड बढ़ी है, तो वहीं कानपुर महानगर में इनकी सेल में गिरावट आई है. कोविड काल में समाज का हर तबका प्रभावित हुआ है. वहीं आर्थिक समस्याओं ने मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है. इसके चलते व्यापार में भी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे सूरतेहाल में पुरानी गाड़ियों का बाजार भी अछूता नहीं है.

जानकारी देते ग्राहक और कार डीलर.

लॉकडाउन से उद्योग धंधे प्रभावित
कोरोना महामारी के चलते 3 महीने का लॉकडाउन रहा. इसके चलते उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए. इसमें सबसे ज्यादा समस्या मध्यम वर्ग के लोगों को हुई है, क्योंकि उनके पास आय के सीमित साधन ही उपलब्ध रहते हैं. वहीं अब आर्थिक स्थितियों को फिर से पटरी पर लाने के लिए अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. अब धीरे-धीरे सारे उद्योग-व्यापार पटरी पर आ रहे हैं. इसके चलते लोग भी अब धीरे-धीरे घरों से बाहर निकल रहे हैं.

आर्थिक मंदी से लोग परेशान
कोरोना के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे लेकर लोग जागरूक दिख रहे हैं. अब लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से परहेज कर कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं. अब चाहे कार नई हो या पुरानी.

आर्थिक संकट की वजह से लोग अपनी जरूरत की हसरत को दिल में ही दबाए बैठे हुए हैं. लोगों का बजट बुरी तरह से चरमराया हुआ है. कानपुर का सेकंड हैंड कार बाजार सुस्त पड़ा हुआ है. कोविड काल के बाद अब एक्सपर्ट बताते है कि गाड़ियों की बिक्री घटकर आधे से भी कम रह गई है, जिससे उनके लिए भी व्यापारिक मजबूरी खड़ी हो गई है.

सेकंड हैंड कारों की ब्रिकी में आई गिरवट
सेकंड हैंड कार डीलरों ने माना कि कोरोना के चलते पुरानी कारों की ब्रिकी में गिरावट आई है. उनके मुताबिक पहले जहां महीने में 100 गाड़ियां बिकती थीं, अब इनकी संख्या घटकर आधी हो गई है. अब महीने में महज 40 गाड़ियां ही बिक पा रही हैं.

कोविड-19 के चलते लोगों के पास रोटी और रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में वह नई गाड़ी पर चल रही ईएमआई को ही नहीं समय से वहन कर पा रहे है. तो गाड़ियां कहां से खरीदेंगे.

सेकंड हैंड गाड़ी खरीदते समय रखी जाने वाली सावधानियां
गाड़ियों के एक्सपर्ट सुधीर सचान ने बताया कि गाड़ी लेते समय पेपर सबसे कीमती हैं. सबसे पहले पेपर सब चेक कर लेना चाहिए. यह चेक कर लेना चाहिए कि गाड़ी में किसी प्रकार का कोई लोन पेंडिंग तो नहीं है. गाड़ी का टायर ठीक है कि नहीं. कहीं गाड़ी के मीटर से तो कोई छेड़खानी नहीं हुई थी. इंजन, क्लच, गियर इनमें कोई दिक्कत तो नहीं है.

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