कानपुर: यूपी निकाय चुनाव 2023 के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के दिन लोगों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए खासा उत्साह देखा गया. लोग लोकतंत्र मजबूत करने के लिए अपने मतों का अवश्य प्रयोग करते हैं. वहीं, एक वोट की कीमत हर प्रत्याशी जानता है. वैसे तो तमाम मतदाता उत्साहित होकर गुरुवार सुबह से अलग-अलग मतदान केंद्रों पर वोट देने के लिए पहुंचे थे. लेकिन, शहर के राजकीय इंटर कालेज चुन्नीगंज में मतदान करने आई एक वृद्धा की स्थिति को देख हर कोई हतप्रभ रह गया.
यह बात खासकर शहरी मतदाताओं को और अधिक समझने की जरूरत है. जैसे एक श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को अपने कंधों के सहारे एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया था. ठीक उसी तरह राजकीय इंटर कालेज चुन्नीगंज में मतदान केंद्र पर कर्नलगंज निवासी शिवशंकर अपनी मां यशोदा (80) को गोदी में उठाकर इधर-उधर भटक रहा था कि मां का वोट पड़ जाए. इसके लिए उसने अपनी जान की जरा भी फिक्र नहीं की. इस भीषण गर्मी में वह अपनी मां को गोदी में उठाकर मतदान देने पहुंचा था.
हालांकि तेज गर्मी से वह परेशान हो गया. मतदान स्थल पर मां को गोद में लेकर शिवशंकर चिल्लाया, अरे कोई कुर्सी ला दो. मेरी मां को पानी पिला दो. लेकिन, चुनाव से पहले हर मतदान केंद्र पर बेहतर व्यवस्थाओं का दावा करने वाले अफसरों की पोल खुल गई. मतदान केंद्र पर न तो व्हीलचेयर थी, न पानी पीने की कोई व्यवस्था थी. थक-हारकर शिवशंकर ने एक महिला पुलिसकर्मी की कुर्सी पर अपनी बूढ़ी मां को बैठाया. इसके बाद मतदान केंद्र पर हंगामा मच गया. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने वृद्ध मां को कुर्सी सहित उठाया. इसके बाद मतदान केंद्र के बाहर ले जाकर छोड़ दिया.
वहां मौजूद मतदाताओं ने यह स्थिती देखी तो उनके आंखो से आंसू निकल आए. लोगों ने कहा कि इसे कहते हैं, मतदान देने के प्रति असली जज्बा. इस मामले को लेकर कानपुर डीएम और जिला निर्वाचन अधिकारी विशाख जी ने बताया कि जीआईसी चुन्नीगंज में पानी और व्हीलचेयर न होने की शिकायत आई थी. उसी समय ही व्यवस्थाओं को ठीक करा दिया गया.