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नकली दवा सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाभोड़, दो शख्स गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने नशीली दवाओं की बड़ी खेप के साथ, दवा सप्लाई करने वाले दो अभि‍युक्तों को दबोचा है. इस नशीली दवा सप्लाई गैंग के तार लखनऊ से जुड़ रहे हैं. क्राइम ब्रांच और लखनऊ पुलिस नशीली दवा सप्लाई करने वाले नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है.

दो शख्स गिरफ्तार
दो शख्स गिरफ्तार
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Published : Jun 21, 2021, 9:28 PM IST

कानपुर : शहर में नशीली व नकली दवाओं को खपाने वाले बड़े गैंग का क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है. क्राइम ब्रांच की टीम ने गैंग में शामिल दो अभि‍युक्तों को भी गिरफ्तार किया है. अभि‍युक्तों के पास से नशीली और नकली दवा की बड़ी खेप भी बरामद हुई है. पुलिस इस पूरे दवा सप्लाई नेटवर्क के तार खंगालने में जुट गई है.

दवाओं की बड़ी खेप बरामद

दबौली टेंपो स्टैंड के पास से क्राइम ब्रांच व गोविन्द नगर पुलिस द्वारा दबोचे गये अभि‍युक्तों की पहचान चकेरी थाना क्षेत्र के जगईपुरवा निवासी पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू और बेकनगंज के रहने वाले आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना के रूप में हुई है. इनके पास से 05 गत्तों में NITRAVET-10 (nitrazepam) के 59 डिब्बे में 17770 टैबलेट और ZIFI 200 के कुल 320 डिब्बे बरामद हुए हैं जिनमें 48000 टैबलेट हैं.

'रोडवेज बसों से होती थी सप्लाई'

दोनों अभि‍युक्तों ने पूछताछ में बताया कि पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू लखनऊ से इन दवाओं को लाकर आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना को सौंपता था. यह सप्लाई का पूरा काम रोडवेज बसों के द्वारा किया जा रहा था. बस में माल लोड होने के बाद उस बस और नंबर प्लेट की फोटो खींचकर व कंडक्टर का मोबाइल नंबर व नाम एक पर्ची में लिखकर वाट्सअप के माध्यम से भेजी जाती थी.

लखनऊ से जुड़ रहे तार

पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू लखनऊ से दवाओं की सप्लाई करता था. क्राइम ब्रांच की टीम लखनऊ पुलिस के साथ राजधानी लखनऊ में नेटवर्क के तार खंगालने में जुटी हुई है. पुलिस की पकड़ में जल्द ही गैंग के अन्य सदस्य भी आ सकते हैं. इन दवाओं की सप्लाई सिर्फ कानपुर में ही नहीं बल्कि बहराइच, गोंडा, बाराबंकी आदि‍ जिलों में भी हो रही थी.

नशे में होता है प्रयोग

अपर पुलिस उपायुक्त अपराध दीपक भूकर ने बताया कि पकड़ी गई जिफी दवा में साल्ट की जगह खड़ि‍या भरी हुई है. जबकि NITRAVET-10 (nitrazepam) दवा शेड्यूल एच ड्रग है. इसे डॉक्टर के प्रि‍स्क्रिप्शन पर दिया जाता है. कई लोग इसे मेडिकल स्टोर्स से नशे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए खरीदते हैं. क्राइम ब्रांच ने कुछ मेडि‍कल स्टोर्स भी चि‍न्हित कि‍ए हैं, जहां पर इन दवाओं की खपत हो रही थी.

इसे भी पढ़ें-बीच गंगा में युवती का भूत भगा रहा था तांत्रिक, नजारा देख दंग रह गए लोग


एडीसीपी क्राइम दीपक भूकर का कहना है कि नकली और नशीली दवाओं की सप्लाई के नेटवर्क के तार प्रदेश के कई जनपदों में फैले दिख रहे हैं. क्राइम ब्रांच की टीम गैंग के सभी सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है. जल्द ही पूरा गैंग पुलिस के कब्जे में होगा.

कानपुर : शहर में नशीली व नकली दवाओं को खपाने वाले बड़े गैंग का क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है. क्राइम ब्रांच की टीम ने गैंग में शामिल दो अभि‍युक्तों को भी गिरफ्तार किया है. अभि‍युक्तों के पास से नशीली और नकली दवा की बड़ी खेप भी बरामद हुई है. पुलिस इस पूरे दवा सप्लाई नेटवर्क के तार खंगालने में जुट गई है.

दवाओं की बड़ी खेप बरामद

दबौली टेंपो स्टैंड के पास से क्राइम ब्रांच व गोविन्द नगर पुलिस द्वारा दबोचे गये अभि‍युक्तों की पहचान चकेरी थाना क्षेत्र के जगईपुरवा निवासी पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू और बेकनगंज के रहने वाले आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना के रूप में हुई है. इनके पास से 05 गत्तों में NITRAVET-10 (nitrazepam) के 59 डिब्बे में 17770 टैबलेट और ZIFI 200 के कुल 320 डिब्बे बरामद हुए हैं जिनमें 48000 टैबलेट हैं.

'रोडवेज बसों से होती थी सप्लाई'

दोनों अभि‍युक्तों ने पूछताछ में बताया कि पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू लखनऊ से इन दवाओं को लाकर आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना को सौंपता था. यह सप्लाई का पूरा काम रोडवेज बसों के द्वारा किया जा रहा था. बस में माल लोड होने के बाद उस बस और नंबर प्लेट की फोटो खींचकर व कंडक्टर का मोबाइल नंबर व नाम एक पर्ची में लिखकर वाट्सअप के माध्यम से भेजी जाती थी.

लखनऊ से जुड़ रहे तार

पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू लखनऊ से दवाओं की सप्लाई करता था. क्राइम ब्रांच की टीम लखनऊ पुलिस के साथ राजधानी लखनऊ में नेटवर्क के तार खंगालने में जुटी हुई है. पुलिस की पकड़ में जल्द ही गैंग के अन्य सदस्य भी आ सकते हैं. इन दवाओं की सप्लाई सिर्फ कानपुर में ही नहीं बल्कि बहराइच, गोंडा, बाराबंकी आदि‍ जिलों में भी हो रही थी.

नशे में होता है प्रयोग

अपर पुलिस उपायुक्त अपराध दीपक भूकर ने बताया कि पकड़ी गई जिफी दवा में साल्ट की जगह खड़ि‍या भरी हुई है. जबकि NITRAVET-10 (nitrazepam) दवा शेड्यूल एच ड्रग है. इसे डॉक्टर के प्रि‍स्क्रिप्शन पर दिया जाता है. कई लोग इसे मेडिकल स्टोर्स से नशे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए खरीदते हैं. क्राइम ब्रांच ने कुछ मेडि‍कल स्टोर्स भी चि‍न्हित कि‍ए हैं, जहां पर इन दवाओं की खपत हो रही थी.

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एडीसीपी क्राइम दीपक भूकर का कहना है कि नकली और नशीली दवाओं की सप्लाई के नेटवर्क के तार प्रदेश के कई जनपदों में फैले दिख रहे हैं. क्राइम ब्रांच की टीम गैंग के सभी सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है. जल्द ही पूरा गैंग पुलिस के कब्जे में होगा.

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