कानपुर: जिले की पराग डेयरी प्लांट में 29 लाख के गबन के आरोप में चार कर्मचारियों से जवाब मांगा गया है. पराग डेयरी के पूर्व महाप्रबधंक के कार्यकाल में यह गबन लाॅकडाउन के समय हुआ था. मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है.
कन्नौज काऊ मिल्क प्लांट से दूध लेकर बाजार में सप्लाई करने वाले पलरिया फर्रुखाबाद के शिवम और उसके बड़े भाई विनय गुप्ता ने लॉकडाउन के समय दूध बिक्री. इसके रुपये डेयरी के खाते में जमा न करके अपने पास रख लिए. दोनों ने मिलकर फर्जी चेक बनाकर उसकी फोटो महाप्रबधंक और वित्त प्रबधंक मनोज कुमार को भेज देते थे. डेयरी का एक कर्मचारी जब खाते में पैसे चेक करने गया, तो इसकी जानकारी हुई. महाप्रबंधक जीसी सिंह ने मामले की शिकायत आईजी रेंज और अपने मुख्यालय में की. इसके बाद गोविंदनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी.
जांच के लिए कमेटी गठित
पराग डेयरी के महाप्रबधंक राजीव वाष्णेय ने बताया कि मुख्यालय स्तर से भी एमडी ने कर्मचारियों की मिलीभगत को मानते हुए दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है. टीम में शामिल वरिष्ठ महाप्रबधंक एके सिंह, उपप्रबंधक वित्त संजय भारती लगातार कर्मचारियों से पूछताछ कर रहे हैं. उन्होंने फर्रुखाबाद के तीन और कानपुर के एक कर्मचारी को नोटिस देकर जवाब मांगा है.
नोटिस में पूछा गया है कि दस दिन तक चले गबन के खेल के बारे में आपको जानकारी क्यों नहीं लगी, अगर आप काम में रुचि नहीं ले रहे हैं, तो विभाग में आपकों क्यों रखा जाए. सभी को एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि इसके बाद टीम अपनी रिपोर्ट तैयार कर एमडी को सौंपेगी.