कानपुर: मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के दंश से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने सख्ती के साथ बड़ी पहल की थी, लेकिन अभी भी मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के अभिश्राप से मुक्ति मिलती नजर नहीं आ रही है. इसका जीता जागता प्रमाण कानपुर की नूरसबा.
किदवई नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली नूरसबा का विवाह 6 वर्ष पूर्व सिद्धार्थ नगर जनपद निवासी तारिक साहब से हुआ था. तारिक ने नूरसबा से पहले लखनऊ की रहने वाली सना नाज से शादी की थी. तारिक ने अपनी पहली शादी की बात नूरसबा और उसके परिजनों से छुपाई थी. नूरसबा के अनुसार उसके जेठ गुलरेज अखर जो कि गाजीपुर कोतवाली लखनऊ में तैनात हैं. वह उस पर बुरी नीयत रखता था.
जेठ की मंशा पूरी न करने के चलते पति तारिक ने नूरसबा को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. इस कारण गर्भवती नूरसबा के पिता उसे अपने घर ले आए. कुछ माह बाद नूरसबा ने एक बेटी को जन्म दिया. इसकी खुशी जाहिर करने के लिए नूरसबा ने ससुराल फोन किया तो तारिक ने फोन पर ही नूरसबा को तीन तलाक दे दिया.
तीन तलाक पीड़िता नूरसबा का आरोप है कि जेठ पुलिस महकमे में कार्यरत है. इसलिए उन्हें इंसाफ नहीं मिल पा रहा है. इसके बदले परिजनों पर अलग-अलग जनपद से फर्जी मुकदमे जरूर मिल रहे हैं. न्याय न मिलने से परेशान नूरसबा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने चेतावनी दी है कि 5 दिसंबर तक अगर उसको न्याय नहीं मिला तो वह 5 वर्षीय बच्ची के साथ सीएम आवास पर आग लगाकर आत्महत्या कर लेगी.
वहीं, पीड़िता के पिता मोहम्मद उवैद ने कहा कि वो भाजपा के कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्रीय मंत्री है. इसके बावजूद उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है. बेटी के ससुरालियों के द्वारा झूठे मुकदमे लिखवा कर प्रताड़ित किया जा रहा है. इस सब से मोहम्मद उवैद परेशान होकर मुख्यमंत्री योगी से न्याय मांग रहे हैं.
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