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दिव्यांगों को रात में राह दिखाएगी ये ट्राई साइकिल और बैसाखी...ये हैं खूबियां - dr Ambedkar Institute of Technology for Handicapped

कानपुर के डॉ. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फ़ॉर हैंडीकैप्ड के अटल शोध केंद्र में दिव्यांगों के लिए खास ट्राई साइकिल और बैसाखी विकसित की गई है. इनकी मदद से दिव्यांगों की राह रात के अंधेरे में भी आसान हो जाएगी.

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डॉ. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फ़ॉर हैंडीकैप्ड में दिव्यांगों की सहूलियत के लिए हो रहे कई प्रयोग.
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Published : May 23, 2022, 6:53 PM IST

कानपुर: अब रात के अंधेरे में भी दिव्यांगों की राह आसान होगी. इसके लिए कानपुर के डॉ. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फ़ॉर हैंडीकैप्ड के अटल शोध केंद्र में खास ट्राई साइकिल और बैसाखी विकसित की गई है.

संस्थान के अटल शोध केंद्र के विशेषज्ञ श्रीनाथ ने बताया कि एक ऐसी ट्राई साइकिल तैयार की गई, जिसमें लाइट को लगाया गया है. डायनमो व बैटरी की मदद से लाइट जलती है. इसके लिए स्विच भी लगाया गया है.

डॉ. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फ़ॉर हैंडीकैप्ड में दिव्यांगों की सहूलियत के लिए हो रहे कई प्रयोग.

उन्होंने बताया कि संस्थान में एक खास बैसाखी को भी तैयार किया गया है. रात में इसकी मदद से कहीं भी जाया जा सकता है. इसमें खास तरह की छोटी-छोटी लाइटें लगाई गईं हैं. इससे दिव्यांगों की राह आसान हो जाएगी.

संस्थान की निदेशक प्रो.रचना अस्थाना ने बताया कि करीब दो करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस अटल शोध केंद्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ऐसे उपकरण तैयार किए जाएंगे जिसका छात्र लाभ ले सकें. इस केंद्र से छात्र अब पीएचडी भी कर सकेंगे. बताया कि कुछ दिनों पहले संस्थान के रजत जयंती समारोह में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल आये थे और उन्होंने भी केंद्र की गतिविधियों को सराहा था.

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कानपुर: अब रात के अंधेरे में भी दिव्यांगों की राह आसान होगी. इसके लिए कानपुर के डॉ. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फ़ॉर हैंडीकैप्ड के अटल शोध केंद्र में खास ट्राई साइकिल और बैसाखी विकसित की गई है.

संस्थान के अटल शोध केंद्र के विशेषज्ञ श्रीनाथ ने बताया कि एक ऐसी ट्राई साइकिल तैयार की गई, जिसमें लाइट को लगाया गया है. डायनमो व बैटरी की मदद से लाइट जलती है. इसके लिए स्विच भी लगाया गया है.

डॉ. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फ़ॉर हैंडीकैप्ड में दिव्यांगों की सहूलियत के लिए हो रहे कई प्रयोग.

उन्होंने बताया कि संस्थान में एक खास बैसाखी को भी तैयार किया गया है. रात में इसकी मदद से कहीं भी जाया जा सकता है. इसमें खास तरह की छोटी-छोटी लाइटें लगाई गईं हैं. इससे दिव्यांगों की राह आसान हो जाएगी.

संस्थान की निदेशक प्रो.रचना अस्थाना ने बताया कि करीब दो करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस अटल शोध केंद्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ऐसे उपकरण तैयार किए जाएंगे जिसका छात्र लाभ ले सकें. इस केंद्र से छात्र अब पीएचडी भी कर सकेंगे. बताया कि कुछ दिनों पहले संस्थान के रजत जयंती समारोह में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल आये थे और उन्होंने भी केंद्र की गतिविधियों को सराहा था.

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