कानपुर: ब्रिटिश हुकूमत के दिनों से खाकी की साथी रही थ्री नॉट थ्री की 1647 राइफल्स अब बीते दिनों की बात हो गई है. डीजीपी के आदेश बाद 26 जनवरी को इन राइफल्स की विदाई कर दी गई. इस राइफल के प्रयोग पर पाबंदी के बाद पुलिस को इंसास और एसएलआर राइफल का तोहफा दिया गया है.
थ्री नॉट थ्री की 1647 राइफल्स को दी गई विदाई
वर्तमान में जहां अपराधियों के पास अत्याधुनिक हथियार हैं, वहीं दिन के उजाले और रात के अंधेरे में बड़े-बड़े बदमाशों से लोहा लेने वाली यूपी पुलिस के कंधे भारी भरकम पुरानी राइफल्स का बोझ उठाकर थक जाया करते थे. प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिसकर्मियों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए बड़ा कदम उठाया है. इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर थ्री नॉट थ्री की 1647 राइफल्स को विदाई दे दी गई.
पुलिसकर्मियों ने आखिरी बार की फायरिंग
71वें गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाले पुलिसकर्मियों ने आखिरी बार अपने कंधों पर थ्री नॉट थ्री की राइफल्स उठाकर आखिरी बार फायरिंग की. फायरिंग के बाद इन राइफल्स की भव्य विदाई कर इन्हें शस्त्रागार में जमा कर दिया गया.
एक समय था थ्री नाट थ्री का खौफ
37वीं बटालियन पीएसी के मुख्य आरक्षी सुरेश चंद्र काफी अरसे से थ्री नॉट थ्री राइफल का इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने बताया कि इस राइफल की रेंज तीन सौ मीटर है, जबकि डेंजर रेंज करीब दो हजार मीटर है. आतंकवादियों से मुठभेड़ हो या फिर एंटी डकैती सभी में यह कारगर साबित हुई है. दरअसल एक समय ऐसा था कि थ्री नॉट थ्री राइफल के नाम से ही आतंकवादी और डकैत कांप जाया करते थे.
थ्री नॉट थ्री का पुलिस के साथ रहा लंबा साथ
डीआईजी अनंत देव तिवारी ने थ्री नॉट थ्री राइफल की विदाई पर कहा कि काफी लंबे अरसे से थ्री नॉट थ्री पुलिस विभाग का हथियार रही है. आधुनिक तकनीक को देखते हुए अब पुलिस को आधुनिक हथियार से लैस किया जा रहा है.
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