कानपुर: प्रदेश सरकार ने पटाखों की दुकान लगाने की अनुमति के साथ-साथ ग्रीन पटाखे बेचने की भी अनुमति दी है. ग्रीन पटाखों में सामान्य पटाखों की अपेक्षा प्रदूषण कम फैलता है, इसके चलते ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दुकानदारों को दी गई है.
दीपावली का त्यौहार रोशनी के रुप में मनाया जाता है, जहां देशवासी अपने घरों में मिट्टी के दीये के दीपक या फिर झालरें, मोमबत्तियां लगाकर घरों में रोशनी करते हैं. वहीं कई लोग पटाखे चलाकर रोशनी का त्यौहार मनाते हैं. लेकिन अगर हम बात करें 2020 की तो पूरे देश में कोरोना की लहर के चलते पटाखे कम संख्या में चलाए गए थे. लेकिन वहीं इस बार 2021 की दिवाली पहले जैसे मनाई जाएगी, जहां लाइसेंस के साथ पटाखों की दुकानें लगायी गयी हैं. नियम व शर्तों के साथ अबकी बार सिर्फ और सिर्फ ग्रीन पटाखे बेचने और खरीदने की अनुमति दी गई हैं.
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ग्रीन पटाखों से सामान पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलता है. ग्रीन पटाखे सामान पटाखों की अपेक्षा छोटे आकार के होते हैं और इनमें रॉ मैटेरियल भी कम लगते हैं.
किदवई नगर के ए टू जेड पार्क में जाकर देखा गया तो पता चला कि पूरे पार्क में कुल 25 से 30 दुकानें लगाई गई हैं, जिनमें ग्रीन पटाखे बेचे जा रहे हैं.
वही दुकानदारों से बातचीत में भी पता चला की सामान्य पटाखों की अपेक्षा ग्रीन पटाखे महंगे मिलते हैं और दुकानों पर खरीदने आए ग्राहकों को भी ग्रीन पटाखे महंगे में बेचे जाते हैं. वहीं कई दुकानदारों का कहना था कि पटाखों की सेल अबकी बार कम है.
कोरोना काल के पहले सामान्य पटाखों की बीक्री ज्यादा होती थी. वही ग्राहकों से भी बातचीत पर पता चला कि कम प्रदूषण करने के लिए कम पटाखे ही खरीद रहे हैं.
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