कानपुर: उम्र की बाधाएं तोड़ ताइक्वांडो के हीरो ने बेटियों के नाम अपनी जिंदगी कर दी है. 72 वर्षीय ताइकांडो खिलाड़ी रामगोपाल बाजपेयी ने 72 साल की उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी जोश 25 साल की उम्र के युवा से कम नहीं है. नौबस्ता के वसंत विहार निवासी रामगोपाल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं.
खास बातें
- कानपुर में ताइक्वांडो के हीरो ने बेटियों के नाम अपनी जिंदगी कर दी.
- नौबस्ता के वसंत विहार निवासी रामगोपाल आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं
- 72 वर्षीय रामकुमार बेटियों और महिलाओं को नि:शुल्क ताइक्वांडो की शिक्षा दे रहे हैं.
- रामगोपाल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं.
बेटियों को दे रहे ताइक्वांडो की शिक्षा
उम्र को दरकिनार कर 72 वर्षीय रामकुमार नि:शुल्क बेटियों और महिलाओं को ताइकांडो का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं. वर्ष 2007 में टेलीफोन विभाग से उपमंडल के अभियंता पद से सेवानिवृत्त हुए रामगोपाल बाजपेयी ने ताइक्वांडो के बेहतर खिलाड़ी रहे हैं. देश की ओर से लगभग एक दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पदक जीतकर कानपुर का नाम रोशन किया है.
स्कूल लाइफ से लेकर हम अब तक ताइक्वांडो करते आ रहे हैं. रिटायर्ड होने के बाद हमने फिर से स्पोर्ट में जाने को सोचा था. 1982 में हमने पहली बार ताइक्वांडो की शिक्षा ली थी. सीखने के बाद हमने ताइक्वांडो में कई बेल्टे हासिल की हैं, 2016 से 2019 तक चार हमने गोल्ड मेडल जीते हैं.
-रामगोपाल, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ताइक्वांडो