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कानपुर: उम्र की बाधाएं तोड़ ताइक्वांडो खिलाड़ी ने बेटियों के नाम कर दी जिंदगी

उत्तर प्रदेश के कानपुर में ताइक्वांडो के हीरो ने बेटियों के नाम अपनी जिंदगी कर दी. उम्र को दरकिनार कर 72 वर्षीय रामकुमार बेटियों और महिलाओं को नि:शुल्क ताइक्वांडो का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं. रामगोपाल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं.

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ताइक्वांडो के हीरों ने बेटियों के नाम कर दी जिंदगी.
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Published : Jan 4, 2020, 4:34 PM IST

कानपुर: उम्र की बाधाएं तोड़ ताइक्वांडो के हीरो ने बेटियों के नाम अपनी जिंदगी कर दी है. 72 वर्षीय ताइकांडो खिलाड़ी रामगोपाल बाजपेयी ने 72 साल की उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी जोश 25 साल की उम्र के युवा से कम नहीं है. नौबस्ता के वसंत विहार निवासी रामगोपाल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं.

ताइक्वांडो के हीरों ने बेटियों के नाम कर दी जिंदगी.

खास बातें

  • कानपुर में ताइक्वांडो के हीरो ने बेटियों के नाम अपनी जिंदगी कर दी.
  • नौबस्ता के वसंत विहार निवासी रामगोपाल आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं
  • 72 वर्षीय रामकुमार बेटियों और महिलाओं को नि:शुल्क ताइक्वांडो की शिक्षा दे रहे हैं.
  • रामगोपाल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं.

बेटियों को दे रहे ताइक्वांडो की शिक्षा
उम्र को दरकिनार कर 72 वर्षीय रामकुमार नि:शुल्क बेटियों और महिलाओं को ताइकांडो का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं. वर्ष 2007 में टेलीफोन विभाग से उपमंडल के अभियंता पद से सेवानिवृत्त हुए रामगोपाल बाजपेयी ने ताइक्वांडो के बेहतर खिलाड़ी रहे हैं. देश की ओर से लगभग एक दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पदक जीतकर कानपुर का नाम रोशन किया है.

स्कूल लाइफ से लेकर हम अब तक ताइक्वांडो करते आ रहे हैं. रिटायर्ड होने के बाद हमने फिर से स्पोर्ट में जाने को सोचा था. 1982 में हमने पहली बार ताइक्वांडो की शिक्षा ली थी. सीखने के बाद हमने ताइक्वांडो में कई बेल्टे हासिल की हैं, 2016 से 2019 तक चार हमने गोल्ड मेडल जीते हैं.
-रामगोपाल, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ताइक्वांडो

कानपुर: उम्र की बाधाएं तोड़ ताइक्वांडो के हीरो ने बेटियों के नाम अपनी जिंदगी कर दी है. 72 वर्षीय ताइकांडो खिलाड़ी रामगोपाल बाजपेयी ने 72 साल की उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी जोश 25 साल की उम्र के युवा से कम नहीं है. नौबस्ता के वसंत विहार निवासी रामगोपाल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं.

ताइक्वांडो के हीरों ने बेटियों के नाम कर दी जिंदगी.

खास बातें

  • कानपुर में ताइक्वांडो के हीरो ने बेटियों के नाम अपनी जिंदगी कर दी.
  • नौबस्ता के वसंत विहार निवासी रामगोपाल आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं
  • 72 वर्षीय रामकुमार बेटियों और महिलाओं को नि:शुल्क ताइक्वांडो की शिक्षा दे रहे हैं.
  • रामगोपाल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं.

बेटियों को दे रहे ताइक्वांडो की शिक्षा
उम्र को दरकिनार कर 72 वर्षीय रामकुमार नि:शुल्क बेटियों और महिलाओं को ताइकांडो का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं. वर्ष 2007 में टेलीफोन विभाग से उपमंडल के अभियंता पद से सेवानिवृत्त हुए रामगोपाल बाजपेयी ने ताइक्वांडो के बेहतर खिलाड़ी रहे हैं. देश की ओर से लगभग एक दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पदक जीतकर कानपुर का नाम रोशन किया है.

स्कूल लाइफ से लेकर हम अब तक ताइक्वांडो करते आ रहे हैं. रिटायर्ड होने के बाद हमने फिर से स्पोर्ट में जाने को सोचा था. 1982 में हमने पहली बार ताइक्वांडो की शिक्षा ली थी. सीखने के बाद हमने ताइक्वांडो में कई बेल्टे हासिल की हैं, 2016 से 2019 तक चार हमने गोल्ड मेडल जीते हैं.
-रामगोपाल, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ताइक्वांडो

Intro:कानपुर:-उम्र की बाधाएं तोड़ ताइक्वांडो के हीरो ने बेटियों के नाम कर दी जिंदगी कुछ बेहतर करने का जज्बा हो उम्र भी नहीं रोक सकती यह साबित कर दिखाया है कानपुर के रहने वाले 72 वर्षीय ताइकांडो खिलाड़ी रामगोपाल बाजपेई ने । 72 साल कि उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद भी रामगोपाल का जोश 25 साल की उम्र के युवा से कम नहीं नजर आता। नौबस्ता के वसंत विहार निवासी रामगोपाल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। आपको बता दें कि जोश और जुनून से लबरेज रामगोपाल ने बेटियों के नाम अपनी जिंदगी का आखिरी पड़ाव कर दिया है। जिससे यह प्रतीत होता है कि कुछ करने की कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी वादा हो उसे पार किया जा सकता है इसी सोच के साथ रामगोपाल अपनी इस उम्र के पड़ाव में महिला सशक्तीकरण की आयामों को चार चांद लगा रहे हैं।


Body:उम्र को दरकिनार कर 72 वर्षीय रामकुमार निशुल्क नियमित बेटियों और महिलाओं को ताइकांडो का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के गुर सिखा रहे हैं वर्ष 2007 में टेलीफोन विभाग से उपमंडल के अभियंता पद से सेवानिवृत्त हुए रामगोपाल बाजपेई ने कुत्ता कांडों के बेहतर खिलाड़ी रहे हैं देश की ओर से लगभग एक दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पदक जीतकर कानपुर का नाम रोशन कर चुके हैं।


Conclusion: इतना ही नहीं हुआ अब तक कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी स्वर्णिम छाप छोड़ चुके हैं। अब उनका निशाना 2020 में डेनमार्क में होने वाली वर्ल्ड ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भारत का मान बढ़ाना है जिसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। बाईट:-रामगोपाल.....अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ताइक्वांडो बाईट:-सुरभी..... प्रशिक्षु छात्रा बाईट:-आरती.... प्रशिक्षु छात्रा। रजनीश दीक्षित, कानपुर। 9451259107
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