कानपुर: कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का करीब 10 साल बाद कानपुर प्रांत में घोष शिविर का आयोजन हो रहा है. इसकी तैयारियों को अंजाम देते हुए इसकी शुरुआत आज से वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी से की गई है. कानपुर में पंडित दीनदयाल विद्यालय में होने वाले इस आयोजन में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होने के लिए 3 दिन के लिए कानपुर में प्रवास करेंगे. इस बीच स्वर संगम घोष शिविर के सफल आयोजन के लिए सभी जिम्मेदारों को कार्यभार सौंप दिए गए हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत कानपुर महानगर के 3 दिन के प्रवास कार्यक्रम के लिए आज महानगर आ गए हैं. मोहन भागवत प्रांत के संघ पदाधिकारियों संग बैठक करेंगे. इस दौरान 2 कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है. जहां संघ प्रमुख लोगों के बीच होंगे. इससे पहले आज 5 दिन के स्वर संगम घोष शिविर का शुभारंभ किया गया. कानपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्यालय में आयोजित इस स्वर संगम घोष शिविर की शुरुआत वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी से शुरू हुई. जहां प्रांत प्रचारक श्री राम जी के साथ सभी संघ पदाधिकारी मौजूद रहे. इस प्रदर्शनी में 70 वाद्य यंत्रों को सबके सामने रखा गया और यह बताने की कोशिश की गई कि यह वाद्य यंत्र मनोरंजन के अलावा मन के उन्नयन के भी साधन हैं. इसलिए देश की युवा पीढ़ी न सिर्फ इनके महत्व को समझें बल्कि देवी-देवताओं के पास भी रहने वाले वाद्य यंत्रों के महत्व को समझे.
5 दिन के इस शिविर में इन वरिष्ठ वादको का मार्गदर्शन युवाओं को प्राप्त होगा. कानपुर प्रांत में आने वाले 21 जिलों से जो शिक्षार्थी चयनित होकर आएंगे. उनको सरसंघचालक मोहन भागवत के सामने प्रदर्शन करना होगा. करीब 1,500 शिक्षार्थी यहां 17 प्रकार के वाद्य यंत्रों का वादन करेंगे. कानपुर प्रांत के सभी जिलों में 25 सितंबर को संचलन के माध्यम से अंतिम अभ्यास हुआ था, जिसमें चयनित वादक ही घोष शिविर में शामिल हो रहे हैं. यहां विलुप्त हो रहे करीब 70 प्रकार के वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. आयोजित होने वाले पांच दिवसीय शिविर में एक दिन भारतीय संस्कृति के नाम रहेगा, जिसमें लोकगीत और शास्त्रीय संगीत गायन जैसे कार्यक्रम भी होंगे.
शिविर में बीमारियों के मौसम का ध्यान रखते हुए अस्थाई अस्पताल बनाया गया है, जिसमें 3 बड़े कमरों में बेड सुरक्षित रखे गए हैं. इसमें अलग-अलग डॉक्टर उपस्थित रहेंगे. यहां डॉक्टर सौरभ को चिकित्सा व्यवस्था का प्रमुख बनाया गया है और वह शिविर में स्थाई तौर पर प्रवास करेंगे.
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