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अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बन चुके हैं किसानः साध्वी निरंजन ज्योति

ग्रामीण विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि किसान अब अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बन चुके हैं. इसलिए चीनी कारखानों को उनके कल्याण का भी प्रयास करना चाहिए.

साध्वी निरंजन ज्योति,
साध्वी निरंजन ज्योति,
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Published : Jun 8, 2022, 7:48 PM IST

कानपुर: खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और ग्रामीण विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति बुधवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के कार्यक्रम में शामिल हुई. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने आठ वर्षों के दौरान उल्लेखनीय विकास किया है. आने वाले वक्त में शर्करा इकाइयों और उनके कार्मिकों की बड़ी भूमिका होगी, क्योंकि उन्हें संस्थान के साथ मिलकर नई तकनीकों के विकास में सक्रिय योगदान देना है. एथेनॉल उत्पादन को बढ़ाना है ताकि हम वर्ष 2024 में पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण का लक्ष्य 25 फीसद कर सकें. उन्होंने कहा कि किसान अब अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बन चुके हैं. इसलिए चीनी कारखानों को उनके कल्याण का भी प्रयास करना चाहिए.

साध्वी निरंजन ज्योति ने संस्थान में नवनिर्मित प्रशिक्षण सह सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि नवनिर्मित इस भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सेमिनार और अन्य सम्मेलन के साथ ही विदेश से प्रतिभागियों को भी कार्यक्रमों से जोड़ा जा सकता है. संस्थान के निदेशक प्रो.नरेंद्र मोहन ने संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि संस्थान में नए छात्रावासों के निर्माण, लघु एथेनॉल इकाई, शर्करा रिफाइनरी, इन्सट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग और डिजाइन की प्रयोगशाला पूर्व में बनवाई जा चुकी है. वर्ष 2014 के बाद चार नए पाठ्यक्रम इन्सट्रूमेंटेशन और ऑटोमेशन, गन्ना उत्पादकता और उत्पादकता प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण और पर्यावरण विज्ञान को शुरू किया गया है. कई देशों में भी संस्थान ब्रांड के रूप में अपनी छवि स्थापित करने में सफल रहा है.

यह भी पढ़ें- कानपुर: 93 लाख की चरस के साथ तीन गिरफ्तार, नेपाल से फिरोजाबाद ले जा रहे थे तस्कर

प्रो.नरेंद्र मोहन ने बताया कि शर्करा उद्योग के सह-उत्पाद और अपशिष्ट से मूल्यवर्धित उत्पादों के प्राप्ति के अलावा संस्थान के द्वारा एथेनॉल कार्यक्रम में विशेष योगदान दिया गया है. मुख्य अतिथि ने उपलब्धियों से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया. साथ ही 12 चीनी कारखानों और उत्तर भारत के शर्करा समूहों को विशिष्ट योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया.

इसमें त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड, डालमिया भारत शुगर्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, उत्तम शुगर मिल्स लिमिटेड, धामपुर बायो ओर्गेनिक्स लिमिटेड, बिरला ग्रुप ऑफ शुगर इंडस्ट्रीज, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड, द सेकसरिया विस्वां शुगर फ़ैक्टरी लिमिटेड, हरीनगर शुगर मिल्स लिमिटेड, टिकौला शुगर मिल्स लिमिटेड, द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड, गोविंद शुगर मिल्स लिमिटेड शामिल है.

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कानपुर: खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और ग्रामीण विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति बुधवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के कार्यक्रम में शामिल हुई. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने आठ वर्षों के दौरान उल्लेखनीय विकास किया है. आने वाले वक्त में शर्करा इकाइयों और उनके कार्मिकों की बड़ी भूमिका होगी, क्योंकि उन्हें संस्थान के साथ मिलकर नई तकनीकों के विकास में सक्रिय योगदान देना है. एथेनॉल उत्पादन को बढ़ाना है ताकि हम वर्ष 2024 में पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण का लक्ष्य 25 फीसद कर सकें. उन्होंने कहा कि किसान अब अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बन चुके हैं. इसलिए चीनी कारखानों को उनके कल्याण का भी प्रयास करना चाहिए.

साध्वी निरंजन ज्योति ने संस्थान में नवनिर्मित प्रशिक्षण सह सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि नवनिर्मित इस भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सेमिनार और अन्य सम्मेलन के साथ ही विदेश से प्रतिभागियों को भी कार्यक्रमों से जोड़ा जा सकता है. संस्थान के निदेशक प्रो.नरेंद्र मोहन ने संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि संस्थान में नए छात्रावासों के निर्माण, लघु एथेनॉल इकाई, शर्करा रिफाइनरी, इन्सट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग और डिजाइन की प्रयोगशाला पूर्व में बनवाई जा चुकी है. वर्ष 2014 के बाद चार नए पाठ्यक्रम इन्सट्रूमेंटेशन और ऑटोमेशन, गन्ना उत्पादकता और उत्पादकता प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण और पर्यावरण विज्ञान को शुरू किया गया है. कई देशों में भी संस्थान ब्रांड के रूप में अपनी छवि स्थापित करने में सफल रहा है.

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प्रो.नरेंद्र मोहन ने बताया कि शर्करा उद्योग के सह-उत्पाद और अपशिष्ट से मूल्यवर्धित उत्पादों के प्राप्ति के अलावा संस्थान के द्वारा एथेनॉल कार्यक्रम में विशेष योगदान दिया गया है. मुख्य अतिथि ने उपलब्धियों से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया. साथ ही 12 चीनी कारखानों और उत्तर भारत के शर्करा समूहों को विशिष्ट योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया.

इसमें त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड, डालमिया भारत शुगर्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, उत्तम शुगर मिल्स लिमिटेड, धामपुर बायो ओर्गेनिक्स लिमिटेड, बिरला ग्रुप ऑफ शुगर इंडस्ट्रीज, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड, द सेकसरिया विस्वां शुगर फ़ैक्टरी लिमिटेड, हरीनगर शुगर मिल्स लिमिटेड, टिकौला शुगर मिल्स लिमिटेड, द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड, गोविंद शुगर मिल्स लिमिटेड शामिल है.

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