कानपुर: तीन तलाक के मामले में पीड़िता ने दारोगा पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. पीड़िता का कहना है कि मुस्लिम दारोगा ने शिकायत देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की और जांच से पति को छोड़कर बाकी सभी के नाम हटा दिए.
थाना क्षेत्र के बाबूपुरवा के सुजातगंज निवासी हिना परवीन का निकाह जुलाई 2019 को अजीतगंज में रहने वाले सलीम के साथ हुआ था. निकाह के बाद सलीम काम के लिए सऊदी अरब चला गया. 27 अक्टूबर 2019 को सऊदी अरब से ही उसने फोन पर अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया. पीड़िता ने 4 नवंबर 2019 को बाबूपुरवा थाने में इस संबंध में पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़ित महिला ने अपने पति के साथ ससुर, सास, देवर, ननद और उसके पति पर भी आरोप लगाया था.
पीड़िता का कहना है कि पुलिस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही थी और कहने के बाद जांच रेल बाजार थाने ट्रांसफर कर दी गई. पीड़िता का आरोप है कि सुजातगंज चौकी प्रभारी मंसूर अहमद ने मामले में 6 माह तक कोई कार्रवाई नहीं की. पीड़िता ने बताया कि पूर्व विवेचक मुस्लिम शरीयत को मानने वाले थे, इसीलिए जांच में अनदेखी की. हिना ने बताया कि पूर्व विवेचक ने कहा था कि शरीयत के हिसाब से तुम्हारा तलाक हो चुका है. तुम लोगों की वजह से ही मुस्लिमों पर उंगलियां उठती हैं. उनका तबादला होने पर पुलिस ने पति को शहर लौटते वक्त गिरफ्तार किया.
इस मामले में हिना ने सीओ बाबूपुरवा आलोक कुमार से शिकायत की है. हिना के पास अपने पति के कई ऑडियो भी हैं, जिसमें वह तीन तलाक कानून के खिलाफ बोल रहा है. वहीं सीओ बाबूपुरवा आलोक सिंह ने बताया कि आरोपी पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. तत्कालीन विवेचक मंसूर अहमद की भूमिका की भी जांच की जाएगी.