कानपुर: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है. अब, संस्थान में उन्हें पढ़ाई के दौरान ही आठ प्रकार की बीयर तैयार करने के बारे में जानकारी दी जाएगी. परास्नातक स्तर के छात्र इंडस्ट्रीयल फर्मेंटेशन एंड एल्कोहल टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम की पढ़ाई के तहत यह जानेंगे, कि बाजार में जो बीयर मिलती है वह कैसे बनती है?
बता दें कि बीयर को लेकर युवाओं का क्रेज दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. चिकित्सा क्षेत्र के दिग्गज इसकी अति को स्वास्थ्य के नजरिए से हानिकारक जरूर मानते हैं. लेकिन बीयर बनाने वाली कंपनियों ने इसकी मांग को देखते हुए इसमें एल्कोहल की मात्रा को कम कर दिया है. ऐसे में बीयर का स्वाद लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
कई फ्लेवर में बीयर बनाएंगे छात्र: संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि संस्थान में छात्र जो बीयर रेसिपी तैयार करेंगे, उसमें एल्कोहल की मात्रा केवल 4 से 6 प्रतिशत ही रहेगी. बीयर बनाने के लिए पानी, माल्ट, यीस्ट और अन्य पदार्थों का उपयोग किया जाता है. जब हम नए फ्लेवर बना रहे हैं, तो उनमें चॉकलेट, मोलेसिस, शुगर, मिंट समेत कई अन्य फ्लेवर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह की बीयर की जबर्दस्त मांग होने वाली है. इसका मुख्य कारण है, कि अब होटलों में इसे स्नैक्स के साथ ड्रिंक्स के तौर पर इसे भी परोसा जाने लगा है. वहीं, इस बीयर में एल्कोहल की सीमित मात्रा होने से किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी.
पैक्ड जूस की तरह बाजार में मिलेगी: प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि आने वाले छह माह के अंदर ही पैक्ड जूस की तरह इस बीयर को बाजार में लाने की पूरी तैयारी है. जैसे अभी तक लोग पनीर के कई अलग-अलग स्वाद का मजा लेते हैं, ठीक वैसे ही उन्हें बीयर भी मुहैया हो सकेगी.
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