कानपुर: कई दिनों बाद बुधवार को सपा विधायक इरफान सोलंकी व उनके भाई रिजवान सोलंकी कानपुर कोर्ट पहुंचे. जैसे ही इरफान का काफिला रुका तो इरफान ने गाड़ी से उतरते ही समर्थकों को देखा और मुस्कुराए भी. इसके बाद मुट्ठी बंद करते हुए इशारा किया और कहा जीत हमारी होगी. इतना बोलेने के बाद सपा विधायक कोर्ट के अंदर चले गए, जहां एसीएमएम-3 कोर्ट में सात अलग-अलग मामलों में सुनवाई की गई.
जाजमऊ के आगजनी मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता अकील अहमद को गवाह के तौर पर कोर्ट में पेश किया गया. हालांकि अकील की गवाही पर बचाव पक्ष ने आपत्ति जताई और जिरह के लिए अतिरिक्त समय मांगा. दरअसल, 38 दिनों बाद सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर कोर्ट में लाया गया था. पुलिस ने मंगलवार देर रात ही सपा विधायक को महाराजगंज जेल से कन्नौज जेल में शिफ्ट कर दिया था. सपा विधायक के पहुंचने से पहले कानपुर कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. वहीं, अतीक-अशरफ हत्यकांड के चलते सपा विधायक इरफान सोलंकी ने मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाई.
सपा विधायक इरफान सोलंकी व उनके करीबियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कई दिनों पहले ही सपा विधायक के खिलाफ 10 से अधिक मुकदमे दर्ज कर लिए थे. 16 मई को पुलिस ने सपा विधायक इरफान सोलंकी के चाचा इश्तियाक सोलंकी समेत तीन अन्य पर भी मुकदमा दर्ज किया. सपा विधायक के चाचा पर एक प्लाट कब्जाने का आरोप है. पुलिस ने सपा विधायक के खिलाफ जो मुकदमे दर्ज किए हैं, उनमें पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं. जिनके आधार पर न्यायालय में सुनवाई जारी है, जो न्यायालय का फैसला होगा, उसके आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी.
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