कानपुर: जिले के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में गठित एसआईटी की जांच अब पूरी हो गई है. इसके बाद अब एसआईटी शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी. एसआईटी जांच में विकास दुबे के विरुद्ध चल रहे सभी मुकदमों में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई. एसआईटी ने रिपोर्ट को फाइनल टच देने से पहले प्रमुख गवाहों और अधिकारियों से दोबारा बात की. इसके लिए एसआईटी की टीम गुरुवार को कानपुर पहुंची थी. एसआईटी ने अपनी जांच में करीब 24 लोगों के बयान दर्ज कराए हैं, जिसमें 11 पुलिसकर्मी बताए जा रहे हैं. बता दें कि 2 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में हुए शूटआउट की जांच के लिए शासन स्तर से एसआईटी जांच टीम का गठन किया गया था, जिसे 31 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपनी थी.
इन मुद्दों पर एसआईटी टीम ने की जांच
- विकास दुबे के विरुद्ध चल रहे सभी मुकदमों में अब तक की गई कार्रवाई की जांच.
- क्या इन मुकदमों में विकास और उसके साथियों को सजा दिलाने की बात की गई थी ?
- विकास दुबे के खिलाफ 13 मार्च 2020 को चौबेपुर थाने में वसूली मारपीट और जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराए गए मुकदमे में उसकी जमानत निरस्त कराने की कार्रवाई आखिर क्यों नहीं की गई ?
- घटना के दिन पुलिस को आरोपियों के पास हथियारों और फायर पावल की जानकारी कैसे नहीं मिली ?
- घटना में हुई लापरवाही की जांच करना, थाने की पुलिस को भी जानकारी नहीं होना, इसकी भी जांच करना.
- अपराधी होने के बावजूद भी विकास और उसके साथियों को हथियारों के लाइसेंस किसने और कैसे दिए ?
2 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में हुए शूटआउट की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया था. शासन ने अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया था. अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रविंद्र गौर एसआईटी के सदस्य हैं. शासन ने इस टीम को 31 जुलाई तक रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए थे, इसीलिए गुरुवार को एसआईटी की टीम कानपुर पहुंची और सभी गवाहों के एक बार फिर से बयान दर्ज किए.
गौरतलब है कि 2 जुलाई को दबिश देने गई टीम पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था. खुद योगी आदित्यनाथ भी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कानपुर आए थे. वहीं इस मामले को लेकर उन्होंने कड़ी कार्रवाई की बात कह थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विकास दुबे और उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया था जबकि कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. वहीं इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे, जिसके बाद शासन ने एक एसआईटी टीम का गठन किया था, जो इन सभी पहलुओं पर जांच कर रही है.