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कानपुर: आईआईटी कानपुर का भ्रमण करने पहुंचे स्कूली छात्र, सीखे इंजिनीरिंग के गुर

आईआईटी कानपुर अपनी हीरक जयंती वर्ष बना रहा है. शनिवार को इसी के अंतर्गत नौंवी से बारहवीं तक के छात्र छात्राओं को परिसर में इंजीनियरिंग कर रहे छात्रों से तो संवाद करने का मौका मिला साथ ही संस्थान की विभिन्न विभागों का भ्रमण करने का मौका मिला.

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आईआईटी कानपुर का भ्रमण करने पहुंचे स्कूली छात्र छात्रा
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Published : Jan 25, 2020, 10:53 PM IST

कानपुर: जिले में आईआईटी परिसर में स्कूली बच्चों को आईआईटी परिसर में जाने का मौका मिला साथ ही छात्रों से संवाद करने का मौका मिला. संस्थान में कैसे काम होता है. शोध कार्य किस तरह किए जाते हैं. यह सब सीखने और देखने का मौका स्कूली बच्चों को मिला. आईआईटी में माध्यमिक विद्यालयों के लगभग 3 हजार छात्र-छात्राएं पहुंचे.

आईआईटी कानपुर का भ्रमण करने पहुंचे स्कूली छात्र छात्रा.
आईआईटी कानपुर अपनी हीरक जयंती वर्ष बना रहा है. शनिवार को इसी के अंतर्गत ओपन हाउस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नौवीं से बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं को परिसर में इंजीनियरिंग कर रहे छात्रों से तो संवाद करने का मौका मिला ही, साथ ही संस्थान के विभिन्न विभागों सेंट्रल लाइब्रेरी, फिजिक्स लैब, एस आई सी बिल्डिंग, टेक्नोपार्क, फ्लाइट क्लब, लाइब्रेरी का भी भ्रमण करने का मौका मिला.
प्रोफेसर अभय करंदीकर डायरेक्टर आईआईटी कानपुर ने बताया कि साइंस साइड के बच्चों का सपना होता है कि वह आईआईटी से इंजीनियरिंग करें. आज संस्थान में आकर बच्चों ने यह होने वाली गतिविधियों को देखा निश्चित तौर पर भविष्य में इसका लाभ उन्हें उनकी पढ़ाई में मिलेगा. साथ ही साथ तमाम जानकारियां भी वह हासिल कर सकें.

कानपुर: जिले में आईआईटी परिसर में स्कूली बच्चों को आईआईटी परिसर में जाने का मौका मिला साथ ही छात्रों से संवाद करने का मौका मिला. संस्थान में कैसे काम होता है. शोध कार्य किस तरह किए जाते हैं. यह सब सीखने और देखने का मौका स्कूली बच्चों को मिला. आईआईटी में माध्यमिक विद्यालयों के लगभग 3 हजार छात्र-छात्राएं पहुंचे.

आईआईटी कानपुर का भ्रमण करने पहुंचे स्कूली छात्र छात्रा.
आईआईटी कानपुर अपनी हीरक जयंती वर्ष बना रहा है. शनिवार को इसी के अंतर्गत ओपन हाउस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नौवीं से बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं को परिसर में इंजीनियरिंग कर रहे छात्रों से तो संवाद करने का मौका मिला ही, साथ ही संस्थान के विभिन्न विभागों सेंट्रल लाइब्रेरी, फिजिक्स लैब, एस आई सी बिल्डिंग, टेक्नोपार्क, फ्लाइट क्लब, लाइब्रेरी का भी भ्रमण करने का मौका मिला.
प्रोफेसर अभय करंदीकर डायरेक्टर आईआईटी कानपुर ने बताया कि साइंस साइड के बच्चों का सपना होता है कि वह आईआईटी से इंजीनियरिंग करें. आज संस्थान में आकर बच्चों ने यह होने वाली गतिविधियों को देखा निश्चित तौर पर भविष्य में इसका लाभ उन्हें उनकी पढ़ाई में मिलेगा. साथ ही साथ तमाम जानकारियां भी वह हासिल कर सकें.
Intro:कानपुर :- आईआईटी कानपुर आकर स्कूली विद्यार्थियों ने देखे और सीखे इंजिनीरिंग के गुर , बच्चों ने कहा आईआईटी आना सपना पूरा होने जैसा ।

बच्चों का स्कूल में प्रवेश लेते ही विद्यार्थियों का सपना होता है कि आईआईटी जैसे संस्थान से पढ़ाई करने का आज आईआईटी में उन बच्चों के इस सपने को पंख लगाने का काम किया संतान कैसा है या कैसे काम होता है शोध कार्य किस तरह किए जाते हैं यह सब सीखने को और देखने को मिला स्कूली बच्चों को आज इन सभी बातों से रूबरू होने के लिए आईआईटी में माध्यमिक विद्यालयों के लगभग 3000 छात्र-छात्राएं पहुंचे


Body:आपको बता दें कि आईआईटी कानपुर अपनी हीरक जयंती वर्ष बना रहा है आज इसी के अंतर्गत ओपनहाउस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें नौवीं से बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं को परिसर इंजीनियरिंग कर रहे छात्रों से तो संवाद करने का मौका मिला साथ ही साथ में संस्थान के विभिन्न विभागों सेंट्रल लाइब्रेरी फिजिक्स लैब एस आई सी बिल्डिंग टेक्नोपार्क फ्लाइट क्लब लाइब्रेरी आदि का भ्रमण किया प्रोफेसर अभय कर्णिकर डायरेक्टर आईआईटी कानपुर ने बताया कि साइंस साइड के बच्चों का सपना होता है कि वह आईआईटी से इंजीनियरिंग करें आज संस्थान में आकर बच्चों ने यह होने वाली गतिविधियों को देखा निश्चित तौर पर भविष्य में इसका लाभ उन्हें उनकी पढ़ाई में मिलेगा साथ ही साथ तमाम जानकारियां भी वह हासिल कर सकें ।

बाइट :- अभय करंदीकर , निदेशक ,आईआईटी कानपुर ।


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