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कानपुर: संजीत की तस्वीर पर बहन ने बांधी राखी, कहा-अभी भी है इंतजार

रक्षाबंधन का त्योहार आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वहीं कानपुर में संजीत यादव की बहन रुचि ने भाई की तस्वीर पर राखी बांधी. रुचि का कहना है कि भाई संजीत का इंतजार आज भी है. जिंदा न सही तो शव ही मिल जाए, लेकिन पुलिस शव को भी ढूढ़ने में अब तक नाकाम रही है.

ruchi tied a rakhi on picture of her brother
संजीत की तस्वीर पर बहन ने बांधी राखी.
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Published : Aug 3, 2020, 4:36 PM IST

कानपुर: संजीत अपहरण और हत्याकांड का खुलासा होने के बाद से पुलिस पांडु नदी में शव की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस संजीत की लाश को 11 दिनों से ढूंढ रही है. संजीत की बहन को इस बात की उम्मीद थी कि उसके भाई को पुलिस जिंदा ढूंढकर कर नहीं ला पाई तो उसका शव ही मिल जाएगा. आखिरी बार राखी बांध लूंगी. रुचि रक्षाबंधन के दिन तक भाई की लाश का इंतजार करती रही. जब संजीत की लाश नहीं मिली तो अब बहन रुचि ने उसकी फोटो पर ही राखी बांधी.

संजीत की तस्वीर पर बहन ने बांधी राखी.

अनमोल होता है भाई-बहन का प्रेम
भाई-बहन के प्रेम की डोर एक धागे के रक्षा सूत्र से बंधी होती है. भाई-बहन का प्रेम अनमोल होता है. कानपुर में संजीत हत्याकांड को जिसने भी नजदीक जाकर देखा वो भावुक है. वहीं स्थानीय लोगों की आंखें नम हैं. संजीत की बहन पिछले 11 दिनों से भाई का शव मिलने का इंतजार कर रही है, लेकिन पुलिस संजीत के शव को ढूंढ नहीं पा रही है. संजीत की बहन और माता-पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

'संजीत को पसंद था रक्षाबंधन का त्योहार'
संजीत की बहन रुचि का कहना है कि रक्षाबंधन में संजीत खुद तैयार होकर सामने आ जाता था. रुचि ने बताया कि संजीत को रक्षाबंधन का त्योहार सबसे ज्यादा पसंद था. रक्षाबंधन के दिन संजीत तैयार होकर राखी बंधवाता था, इसके बाद वो दोस्तों के साथ घूमने के लिए जाता था. रक्षाबंधन के दिन वो कुछ न कुछ गिफ्ट भी देता था. परिवार वालों की मानें तो जब संजीत गिफ्ट खरीदकर लाता तो छिपा देता था और राखी बांधने के बाद ही उसे देता था.

'किडनैपर्स से ज्यादा दोषी है पुलिस'
रुचि का कहना है कि पुलिस की लापरवाही की वजह से संजीत की जान गई है. लापरवाह पुलिस वाले किडनैपरों से ज्यादा दोषी हैं. यदि पुलिस समय रहते सक्रियता दिखाती तो आज संजीत जिंदा होता. परिवार के इकलौते बेटे की हत्या नहीं होती. बुजुर्ग माता-पिता का सहारा नहीं छिनता, एक बहन का भाई उससे दूर नहीं जाता.

रक्षाबंधन से पहले भाई का शव बरामद होने की थी उम्मीद
संजीत की बहन ने कहा कि मुझे इस बात की उम्मीद थी कि संजीत का शव पुलिस बरामद कर लेगी, लेकिन उसका शव तो छोंड़ो पुलिस हड्डियां भी नहीं ढूंढ पाई. अगर संजीत का शव मिल जाता तो उसके हाथों पर आखिरी बार राखी तो बांध लेती. अब संजीत की फोटो को राखी बांधूंगी.

क्या था मामला ?
बर्रा थाना क्षेत्र के रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत को उसके ही दोस्तों ने बीते 22 जून को किडनैप किया था. किडनैपर्स ने चार दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद संजीत की हत्या कर दी थी. 26 जून को देर रात शव को बोरे में भर पांडु नदी में डिस्पोज कर दिया था. किडनैपरों ने 29 जून को संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी. पुलिस ने 24 जुलाई को एक महिला समेत पांच अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें: संजीत अपहरण हत्याकांड: पुलिस कराएगी आरोपियों का नार्को टेस्ट

किडनैपर्स ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताया था कि संजीत की हत्या अपहरण के बाद चौथे ही दिन कर दी गई थी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया था. वहीं संजीत के शव की तलाश पुलिस पांडु नदी में लगातार कर रही है, लेकिन अभी तक संजीत के शव का कुछ भी पता नहीं चला है.

कानपुर: संजीत अपहरण और हत्याकांड का खुलासा होने के बाद से पुलिस पांडु नदी में शव की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस संजीत की लाश को 11 दिनों से ढूंढ रही है. संजीत की बहन को इस बात की उम्मीद थी कि उसके भाई को पुलिस जिंदा ढूंढकर कर नहीं ला पाई तो उसका शव ही मिल जाएगा. आखिरी बार राखी बांध लूंगी. रुचि रक्षाबंधन के दिन तक भाई की लाश का इंतजार करती रही. जब संजीत की लाश नहीं मिली तो अब बहन रुचि ने उसकी फोटो पर ही राखी बांधी.

संजीत की तस्वीर पर बहन ने बांधी राखी.

अनमोल होता है भाई-बहन का प्रेम
भाई-बहन के प्रेम की डोर एक धागे के रक्षा सूत्र से बंधी होती है. भाई-बहन का प्रेम अनमोल होता है. कानपुर में संजीत हत्याकांड को जिसने भी नजदीक जाकर देखा वो भावुक है. वहीं स्थानीय लोगों की आंखें नम हैं. संजीत की बहन पिछले 11 दिनों से भाई का शव मिलने का इंतजार कर रही है, लेकिन पुलिस संजीत के शव को ढूंढ नहीं पा रही है. संजीत की बहन और माता-पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

'संजीत को पसंद था रक्षाबंधन का त्योहार'
संजीत की बहन रुचि का कहना है कि रक्षाबंधन में संजीत खुद तैयार होकर सामने आ जाता था. रुचि ने बताया कि संजीत को रक्षाबंधन का त्योहार सबसे ज्यादा पसंद था. रक्षाबंधन के दिन संजीत तैयार होकर राखी बंधवाता था, इसके बाद वो दोस्तों के साथ घूमने के लिए जाता था. रक्षाबंधन के दिन वो कुछ न कुछ गिफ्ट भी देता था. परिवार वालों की मानें तो जब संजीत गिफ्ट खरीदकर लाता तो छिपा देता था और राखी बांधने के बाद ही उसे देता था.

'किडनैपर्स से ज्यादा दोषी है पुलिस'
रुचि का कहना है कि पुलिस की लापरवाही की वजह से संजीत की जान गई है. लापरवाह पुलिस वाले किडनैपरों से ज्यादा दोषी हैं. यदि पुलिस समय रहते सक्रियता दिखाती तो आज संजीत जिंदा होता. परिवार के इकलौते बेटे की हत्या नहीं होती. बुजुर्ग माता-पिता का सहारा नहीं छिनता, एक बहन का भाई उससे दूर नहीं जाता.

रक्षाबंधन से पहले भाई का शव बरामद होने की थी उम्मीद
संजीत की बहन ने कहा कि मुझे इस बात की उम्मीद थी कि संजीत का शव पुलिस बरामद कर लेगी, लेकिन उसका शव तो छोंड़ो पुलिस हड्डियां भी नहीं ढूंढ पाई. अगर संजीत का शव मिल जाता तो उसके हाथों पर आखिरी बार राखी तो बांध लेती. अब संजीत की फोटो को राखी बांधूंगी.

क्या था मामला ?
बर्रा थाना क्षेत्र के रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत को उसके ही दोस्तों ने बीते 22 जून को किडनैप किया था. किडनैपर्स ने चार दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद संजीत की हत्या कर दी थी. 26 जून को देर रात शव को बोरे में भर पांडु नदी में डिस्पोज कर दिया था. किडनैपरों ने 29 जून को संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी. पुलिस ने 24 जुलाई को एक महिला समेत पांच अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.

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किडनैपर्स ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताया था कि संजीत की हत्या अपहरण के बाद चौथे ही दिन कर दी गई थी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया था. वहीं संजीत के शव की तलाश पुलिस पांडु नदी में लगातार कर रही है, लेकिन अभी तक संजीत के शव का कुछ भी पता नहीं चला है.

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