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हैलट में ओपीडी न खुलने की वजह से टला बड़ा हादसा, जानिए क्या थी वजह ? - हैलट हॉस्पिटल में ओपीडी की गिरी छत

यूपी के कानपुर जिले में स्थित हैलट हॉस्पिटल में नेत्र विभाग की ओपीडी में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. दरअसल, नेत्र विभाग की ओपीडी की छत अचानक गिर गई, लेकिन इस बीच ओपीडी बंद होने से किसी को चोट नहीं आई.

हैलट हॉस्पिटल.
हैलट हॉस्पिटल.
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Published : Oct 13, 2020, 6:17 AM IST

कानपुर: जनपद में स्थित हैलट हॉस्पिटल में नेत्र विभाग की ओपीडी में बड़ा हादसा होने से टल गया. दरअसल, नेत्र विभाग की ओपीडी की छत एका-एक गिर गई, लेकिन ओपीडी न चालू होने की वजह से कोई हताहत नहीं हुआ. वहीं इसकी जानकारी विभाग को तब हुई जब डॉक्टर सुबह विभाग पहुंचे. वहीं विभागाध्यक्ष डॉ.परवेज खान ने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी. इसके बाद आनन-फानन में फॉल सीलिंग के मलबे को ओपीडी कक्ष से हटाया गया.

खस्ताहाल हो चुका हैं नेत्र विभाग ओपीडी का कक्ष
नेत्र विभाग की ओपीडी का कक्ष खस्ताहाल हो चुका है. आए दिन छत गिरने का डर लगा रहता है. अस्पताल प्रशासन ने कई बार इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी, लेकिन उनकी तरफ से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

ओपीडी के समय रहते हैं 30 से 40 मरीज
विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान ने बताया कि नियमित दिनों में ओपीडी में 30 से 40 मरीज होते हैं, जिस वजह से यदि यह घटना तब होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. उन्होंने बताया कि विभाग का एसी भी खराब है. इसकी शिकायत कई बार की गई है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई न होने से परेशानी हो रही है.

कानपुर: जनपद में स्थित हैलट हॉस्पिटल में नेत्र विभाग की ओपीडी में बड़ा हादसा होने से टल गया. दरअसल, नेत्र विभाग की ओपीडी की छत एका-एक गिर गई, लेकिन ओपीडी न चालू होने की वजह से कोई हताहत नहीं हुआ. वहीं इसकी जानकारी विभाग को तब हुई जब डॉक्टर सुबह विभाग पहुंचे. वहीं विभागाध्यक्ष डॉ.परवेज खान ने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी. इसके बाद आनन-फानन में फॉल सीलिंग के मलबे को ओपीडी कक्ष से हटाया गया.

खस्ताहाल हो चुका हैं नेत्र विभाग ओपीडी का कक्ष
नेत्र विभाग की ओपीडी का कक्ष खस्ताहाल हो चुका है. आए दिन छत गिरने का डर लगा रहता है. अस्पताल प्रशासन ने कई बार इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी, लेकिन उनकी तरफ से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

ओपीडी के समय रहते हैं 30 से 40 मरीज
विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान ने बताया कि नियमित दिनों में ओपीडी में 30 से 40 मरीज होते हैं, जिस वजह से यदि यह घटना तब होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. उन्होंने बताया कि विभाग का एसी भी खराब है. इसकी शिकायत कई बार की गई है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई न होने से परेशानी हो रही है.

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