कानपुर: रायपुरवा थाना क्षेत्र के समीप 24 सितंबर को पार्षद पति अंकित शुक्ला और दवा व्यापारी अमोलदीप में मारपीट हुई थी. इस मामले में पुलिस कमिश्नरेट ने चिन्हित पांच अभियुक्तों पर 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया है. बुधवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने अपने कार्यालय में वार्ता कर यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपी यशोदा नगर निवासी अंकित शुक्ला, सत्येंद्र वाजपेई, अंकुर सिंह राजावत, यशस्वी शुक्ला व सूरज तिवारी को पकड़ने के लिए पुलिस की पांच टीमें लगातार दबिशें दे रही हैं. बहुत जल्द सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इन्हें कोर्ट से अंतरिम जमानत न मिल पाए, इसके लिए भी पुलिस की ओर से लगातार साक्ष्य मुहैया कराते हुए कोर्ट में पैरवी हो रही है.
पुलिस ने बढ़ाई आजीवन कारावास की धारा: दरअसल, कुछ दिनों पहले वार्ड-95 से पार्षद सौम्या शुक्ला व उनके पति अंकित शुक्ला ने व्यापारी अमोलदीप सिंह के साथ कार ओवरटेक करने को लेकर मारपीट की थी. दो पक्षों में हुए झगड़े के दौरान आरोप है कि पार्षद पति ने अपने दोस्तों के साथ व्यापारी को इतना पीटा कि उसके सिर और आंखों में गंभीर चोटें आईं. कुछ दिनों तक तो पुलिस ने सत्ता पक्ष को देखते हुए कोई सख्त कार्रवाई नहीं की थी. मगर, अब सिख समुदाय के लोगों के लगातार विरोध करने पर पुलिस ने पांच आरोपियों को चिन्हित कर लिया और 324, 147,148, 504, 506 समेत कई अन्य धाराओं के साथ ही धारा 326 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
पांच अभियुक्त चिन्हित: कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने बताया, इस धारा में आजीवन कारावास की सजा होती है और सभी की गिरफ्तारी अब पक्की हो गई. पुलिस ने जिन पांच अभियुक्तों को चिन्हित किया है. उनमें यशोदा नगर निवासी अंकित शुक्ला, सत्येंद्र वाजपेई, अंकुर सिंह राजावत, यशस्वी शुक्ला व सूरज तिवारी शामिल हैं. सभी के घरों पर मंगलवार को छापा मारा गया था लेकिन सभी फरार हैं. आरोपियों को कोर्ट से जमानत न मिले इसके लिए पुलिस की ओर से सेशन कोर्ट व हाईकोर्ट में अपने पक्ष को मजबूती से रखने का फैसला किया गया है.
सिख समुदाय ने शुरू किया विरोधः शहर के बेहद चर्चित इस मामले में अब भाजपा के नेता और सिख समुदाय संगठन के पदाधिकारी भी आमने-सामने आ गए हैं. चर्चा इस बात की जोरों पर है, कि भाजपा नेता और वार्ड-95 से पार्षद सौम्या शुक्ला के पति अंकित शुक्ला, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के बेहद करीबी है. इसलिए पुलिस भी कार्रवाई से पीछे हट रही है. मगर, सिख समुदाय का सख्त विरोध देखते हुए अब पुलिस ने अभियुक्तों को जेल भेजने का फैसला किया है.
वीडियो जारी कर पार्षद बोलीं, सीएम से कराएं जांच: इस मामले में पार्षद सौम्या शुक्ला ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कराया है. जिसमें वह सीएम से मांग कर रही हैं कि इस प्रकरण की जांच कराई जाए. आरोप लगाया है कि वह और उनके पति समेत अन्य साथी पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्हें दोषी साबित किया गया है. जबकि जो दोषी हैं उन्हें निर्दोष बताया गया है. व्यापारी अमोलदीप पर भी आरोप लगाया है कि व्यापारी ने उनका हाथ पकड़ा और बदनीयती से उन्हें अपनी ओर खींचने की कोशिश की. इसका विरोध जब पति अंकित शुक्ला ने किया तो आपस में मारपीट हुई.
48 घंटे में आरोपियों को करें गिरफ्तार, नहीं तो होगा आंदोलन: पार्षद पति व दवा व्यापारी के बीच मारपीट का मामला घंटों के हिसाब से तूल पकड़ता जा रहा है. बुधवार शाम को भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीपी ऑफिस का घेराव कर दिया और जमकर नारेबाजी की. वहीं, दूसरी ओर इस मामले में कई सिख समुदाय संगठन के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर एक समिति का गठन कर दिया. जिसका नाम जस्टिस फॉर अमोलदीप सिंह भाटिया रखा गया है. इस मामले पर श्री गुरुसिंह सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह लार्ड ने बताया कि पदाधिकारियों ने वार्ता के दौरान तय किया कि पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 48 घंटों का समय दिया गया है. अगर, 48 घंटे तक गिरफ्तारी न हुई तो नवगठित कमेटी के 16 पदाधिकारी कई अन्य सदस्यों संग मिलकर गुमटी नं.5 गुरुद्वारा में शांतिपूर्ण ढंग से धरना देंगे. इसके बाद आंदोलन की रणनीति बनेगी. उन्होंने कहा कि पुलिस के पास आरोपियों के सारे साक्ष्य मौजूद हैं. पुलिस जल्द से जल्द आरोपियों को अरेस्ट करके जेल भेजे.