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11 जनवरी से रणजी ट्रॉफी का आगाज, यूपी टीम को इसकी है तलाश

घरेलू क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी का आयोजन 11 जनवरी से 18 मार्च के बीच होगा. इसके लिए कानपुर के ग्रीन पार्क और कमला क्लब में प्रथम चरण के लिए 2 दिसंबर से 4 दिसंबर तक ट्रायल होंगे.

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन.
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन.
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Published : Nov 30, 2020, 7:47 PM IST

कानपुरः घरेलू क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी का आयोजन 11 जनवरी से 18 मार्च के बीच होगा. इसके लिए कानपुर के ग्रीन पार्क और कमला क्लब में प्रथम चरण के लिए 2 दिसंबर से 4 दिसंबर तक ट्रायल होंगे. उत्तर प्रदेश की टीम इस बार बिना कोच के रणजी में उतर सकती है.

11 जनवरी से 18 मार्च के बीच होगा आयोजन
रणजी ट्रॉफी का आयोजन 11 जनवरी से शुरू होकर 18 मार्च तक चलेगा. घरेलू क्रिकेट की बात की जाए तो यह सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है. इसमें हर प्रदेश की टीमें हिस्सा लेती हैं. घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी ही नेशनल टीम तक पहुंच पाते हैं.

बीसीसीआई चयन समिति में पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व कोच
पिछले रणजी सत्र में उत्तर प्रदेश टीम के कोच रहे सुनील जोशी को बीसीसीआई की चयन समिति में पहुंच गए हैं. इस वजह से उत्तर प्रदेश की टीम बिना कोच के है. उत्तर प्रदेश एसोसिएशन के निदेशक ने बताया कि आला स्तर पर बेहतर कोच की खोज की जा रही है. इस बार ऐसे कोच की खोज की जा रही है. जो उत्तर प्रदेश टीम के खिलाड़ियों को बेहतर तरीके से जानता हो. इसलिए उत्तर प्रदेश से भारतीय टीम तक का सफर तय करने वाले पूर्व क्रिकेटरों के नाम पर भी चर्चा चल रही है. इस श्रेणी में सबसे ऊपर वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश रणजी टीम को फाइनल तक पहुंचाने वाले क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडे का नाम है. उन्हें उत्तर प्रदेश रणजी टीम की कमान मिल सकती है. उनका उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों से लगाव है और उनकी कोचिंग क्षमता के कारण एसोसिएशन उनके नाम पर मोहर लगाकर उन्हें उत्तर प्रदेश की टीम का कोच नियुक्त कर सकती है.

कानपुरः घरेलू क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी का आयोजन 11 जनवरी से 18 मार्च के बीच होगा. इसके लिए कानपुर के ग्रीन पार्क और कमला क्लब में प्रथम चरण के लिए 2 दिसंबर से 4 दिसंबर तक ट्रायल होंगे. उत्तर प्रदेश की टीम इस बार बिना कोच के रणजी में उतर सकती है.

11 जनवरी से 18 मार्च के बीच होगा आयोजन
रणजी ट्रॉफी का आयोजन 11 जनवरी से शुरू होकर 18 मार्च तक चलेगा. घरेलू क्रिकेट की बात की जाए तो यह सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है. इसमें हर प्रदेश की टीमें हिस्सा लेती हैं. घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी ही नेशनल टीम तक पहुंच पाते हैं.

बीसीसीआई चयन समिति में पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व कोच
पिछले रणजी सत्र में उत्तर प्रदेश टीम के कोच रहे सुनील जोशी को बीसीसीआई की चयन समिति में पहुंच गए हैं. इस वजह से उत्तर प्रदेश की टीम बिना कोच के है. उत्तर प्रदेश एसोसिएशन के निदेशक ने बताया कि आला स्तर पर बेहतर कोच की खोज की जा रही है. इस बार ऐसे कोच की खोज की जा रही है. जो उत्तर प्रदेश टीम के खिलाड़ियों को बेहतर तरीके से जानता हो. इसलिए उत्तर प्रदेश से भारतीय टीम तक का सफर तय करने वाले पूर्व क्रिकेटरों के नाम पर भी चर्चा चल रही है. इस श्रेणी में सबसे ऊपर वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश रणजी टीम को फाइनल तक पहुंचाने वाले क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडे का नाम है. उन्हें उत्तर प्रदेश रणजी टीम की कमान मिल सकती है. उनका उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों से लगाव है और उनकी कोचिंग क्षमता के कारण एसोसिएशन उनके नाम पर मोहर लगाकर उन्हें उत्तर प्रदेश की टीम का कोच नियुक्त कर सकती है.

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