कानपुर: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है. भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके संक्रमण को रोकने के लिए सबसे सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को सबसे जरूरी बताया गया है. एन-95 मास्क की मांग इस दौरान बहुत ज्यादा बढ़ गई है. भारत में इसका प्रोडक्शन भी बहुत कम होता था. इसको बाहर से मंगाया जा रहा था, लेकिन आईआईटी कानपुर ने एक बार फिर इसका उत्पादन शुरू कर कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में एक अहम भूमिका निभाई है.
कोविड-19 से बचाव के लिए आईआईटी कानपुर और स्टार्टअप इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर में 30 मार्च से ही एन-95 और एन-99 मास्क का उत्पादन करने की कवायद चल रही थी, जिसमें अब जाकर सफलता मिली है. इनक्यूबेटर ई-स्पिन नैनोटेक कंपनी द्वारा मास्क का उत्पादन शुरू किया गया है. ई-स्पिन नैनोटिक कंपनी ने बहुत सारे उत्पाद ईजाद किए हैं.
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि फेस मास्क कोरोना वायरस के बचाव के लिए सबसे जरूरी है. आईआईटी कानपुर द्वारा इसका उत्पादन किया जाना एक बहुत बड़ा कदम है. यह कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में एक महत्वपूर्ण योगदान भी है. हम वैज्ञानिकों की इस कार्य के लिए मैं उनका आभारी हूं.
आईआईटी कानपुर में मास्क के लिए प्रोडक्शन मशीन भी लगा दी गई है, जिसमें प्रोडक्शन भी चालू हो गया है. अब रोजाना लगभग 25 हजार मास्क इस मशीन से बनेंगे, जो कोरोना वायरस के खिालफ चल रही जंग में मददगार साबित होंगे.
पढ़ें- गुनाहों की सजा के बदले बंदर को मिली उम्रकैद
इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन के प्रोफेसर अभिताभ बंद्योपाध्याय ने बताया, 'आज हमारे लिए बहुत खुशी की बात है. हमारी कंपनी ने पहले डिसइंफेक्टेंट चैम्बर और वेंटिलेटर बनाया और अब मास्क बनाने का भी काम आज से शुरू हो गया है. यह बहुत गर्व की बात है कि हमारे इन्यूबेटर देश की कोरोना के खिलाफ जंग में योगदान दे रहे हैं, इसलिए मैं खुश भी हूं और गर्वित भी.