कानपुर: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने बिजली दरों के स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव नियामक आयोग के पास भेजा है. बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद कानपुर महानगर के लगभग चार लाख कनेक्शन धारक के घरों की बिजली के दाम बढ़ जाएंगे, जो सीधा-सीधा उनको प्रभावित करेंगे.
महत्वपूर्ण बिंदु
- 4 लाख कनेक्शन धारकों को अब ज्यादा चुकाना पड़ सकता है बिजली का बिल.
- शहर के एक लाख से ज्यादा कनेक्शन धारकों का औसत बिल अब दोगुना हो जाएगा.
- बिजली के बढ़े हुए दामों का मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ेगा असर.
जो लोग महीने में औसत 100 यूनिट बिजली जलाते हैं या जिनका महीने का बिल 300 से 500 यूनिट तक आता है, उन सबको अब पहले से ज्यादा बिल चुकाना पड़ सकता है. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने बिजली दरों के स्लैब में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है, जिसकी वजह से उसने बढ़े हुए बिजली की दरों को नियामक आयोग के समक्ष रखा है, जो इसको फाइनल करेगा. इस प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार और कम बिजली इस्तेमाल करने वाले लोगों की जेबों पर सीधा असर पड़ेगा. उनके बिल अब पहले की तुलना में अधिक आएंगे. 100 यूनिट बिजली का प्रयोग करने वालों का बिल लगभग दोगुना आएगा.
शहर में केस्को के करीब साढे़ छह लाख कनेक्शन हैं. इनमें से 90 हजार से एक लाख व्यापारिक और औद्योगिक कनेक्शन हैं. करीब 30 हजार कनेक्शन व्यवसायिक श्रेणियों में हैं, जो किसी विद्यालय, संस्थान या जल निगम जैसे सरकारी प्रतिष्ठानों के बल्क कनेक्शन है. बचे 5 लाख घरेलू कनेक्शन में से अधिकतम एक लाख कनेक्शन 5 से 10 किलोवाट से अधिक लोड के हैं. शेष 4 लाख घरेलू कनेक्शन धारकों को स्लैप की दरों में बदलाव का नुकसान होगा.
कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (केस्को) के अधिकारियों की भी मानें तो इस बढ़ी हुई बिजली दरों के स्लैब में बदलाव के बाद इसका सीधा असर मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ेगा क्योंकि उनके घरों का लोड कम होता है. इसलिए उन्हीं को इसका नुकसान होगा.
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अगर बात की जाए बड़े बिजली कनेक्शन धारकों की या व्यवसायिक बिजली कनेक्शन धारकों की तो उनको इससे फायदा होगा. वहीं बिजली दरों के स्लैब में बढ़ोतरी को लेकर कानपुर महानगर में मध्यम वर्गीय परिवारों में रोष है. उनका कहना है कि सारा लोड मध्यम वर्ग के लोगों पर डाल दिया जाता है. इस बार भी बिजली दर में जो बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा गया है, वह मध्यम वर्गीय परिवारों के खिलाफ है और इससे मध्यम वर्गीय परिवार बहुत बुरी तरीके से प्रभावित होंगे और उनका सीधा सीधा नुकसान होगा.