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कानपुर राजकीय बालिका संरक्षण गृह मामले में प्रेस परिषद ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

press council of india has issued summons to up government
कानपुर संवासिनी गृह मामले में प्रेस परिषद ने राज्य सरकार से मांगा जवाब.
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Published : Jun 25, 2020, 7:36 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 5:52 AM IST

19:29 June 25

पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे को लेकर भारतीय प्रेस परिषद ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

press council of india has issued summons to up government
जारी प्रेस विज्ञप्ति.

कानपुर: जिले में संवासिनियों के कोरोना संक्रमित मिलने व गर्भवती होने को लेकर प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबरें चलाई गईं. इन खबरों पर अज्ञात मीडिया संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय प्रेस परिषद) ने मामले को संज्ञान में लेकर प्रदेश सरकार को पूरे प्रकरण में जवाब तलब किया है.

बता दें कि कानपुर के बालिका संरक्षण गृह में 57 बालिकाओं के कोरोना पॉजिटिव आने का मामला प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. 57 में से 7 संवासिनियों के गर्भवती होने की बात सामने आई थी. इस खबर को हर मीडिया संस्थान ने प्रमुखता से चलाया था. वहीं प्रत्येक विपक्षी दलों ने भी सरकार से इस विषय को लेक प्रश्न किया था. साथ ही इस विषय में जांच की मांग भी उठाई थी.

कैमरे के सामने आने से कतरा रहे अधिकारी
खबर चलाने को लेकर कानपुर के प्रशासनिक अधिकारियों ने अज्ञात के खिलाफ स्वरूप नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई. यह एफआईआर जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने दर्ज करवाई है. एफआईआर में लिखवाया गया है कि संस्था में आने से पहले प्रत्येक संवासिनी का प्रेगनेंसी टेस्ट करवाया जाता है. 

पीड़ित बालिकाएं संस्था में प्रवेश से पूर्व ही प्रेगनेंट थीं, जिनके रिकॉर्ड इनके पत्रावलियों में रक्षित हैं. वहीं बीते 21 जून से 7 संवासिनियों के गर्भवती की खबर बिना किसी अधिकारिक सूचना के प्रसारित की जा रही है. साथ ही संवासिनियों के सम्मान औऱ अस्मिता को ठेस पहुंचाकर झूठी खबरें प्रसरित की जा रही हैं.

एफआईआर में लिखवाया गया कि खबर के माध्यम से प्रशासन की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. साथ ही मीडिया के सामने आने से सभी कतरा रहे हैं. कोई भी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हो रहा है.

सभी बाल संरक्षण गृह की सोशल मीडिया से हो रही निगरानी: जिला प्रोबेशन अधिकारी

बता दें कि इस मामले में अखिलेश यादव ने भी यूपी सरकार को घेरा था. साथ ही ट्वीट के माध्यम से इस मामले की जांच की मांग की थी. वहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार को घेरते हुए इस मामले की जांच की बात कही थी.

19:29 June 25

पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे को लेकर भारतीय प्रेस परिषद ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

press council of india has issued summons to up government
जारी प्रेस विज्ञप्ति.

कानपुर: जिले में संवासिनियों के कोरोना संक्रमित मिलने व गर्भवती होने को लेकर प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबरें चलाई गईं. इन खबरों पर अज्ञात मीडिया संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय प्रेस परिषद) ने मामले को संज्ञान में लेकर प्रदेश सरकार को पूरे प्रकरण में जवाब तलब किया है.

बता दें कि कानपुर के बालिका संरक्षण गृह में 57 बालिकाओं के कोरोना पॉजिटिव आने का मामला प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. 57 में से 7 संवासिनियों के गर्भवती होने की बात सामने आई थी. इस खबर को हर मीडिया संस्थान ने प्रमुखता से चलाया था. वहीं प्रत्येक विपक्षी दलों ने भी सरकार से इस विषय को लेक प्रश्न किया था. साथ ही इस विषय में जांच की मांग भी उठाई थी.

कैमरे के सामने आने से कतरा रहे अधिकारी
खबर चलाने को लेकर कानपुर के प्रशासनिक अधिकारियों ने अज्ञात के खिलाफ स्वरूप नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई. यह एफआईआर जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने दर्ज करवाई है. एफआईआर में लिखवाया गया है कि संस्था में आने से पहले प्रत्येक संवासिनी का प्रेगनेंसी टेस्ट करवाया जाता है. 

पीड़ित बालिकाएं संस्था में प्रवेश से पूर्व ही प्रेगनेंट थीं, जिनके रिकॉर्ड इनके पत्रावलियों में रक्षित हैं. वहीं बीते 21 जून से 7 संवासिनियों के गर्भवती की खबर बिना किसी अधिकारिक सूचना के प्रसारित की जा रही है. साथ ही संवासिनियों के सम्मान औऱ अस्मिता को ठेस पहुंचाकर झूठी खबरें प्रसरित की जा रही हैं.

एफआईआर में लिखवाया गया कि खबर के माध्यम से प्रशासन की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. साथ ही मीडिया के सामने आने से सभी कतरा रहे हैं. कोई भी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हो रहा है.

सभी बाल संरक्षण गृह की सोशल मीडिया से हो रही निगरानी: जिला प्रोबेशन अधिकारी

बता दें कि इस मामले में अखिलेश यादव ने भी यूपी सरकार को घेरा था. साथ ही ट्वीट के माध्यम से इस मामले की जांच की मांग की थी. वहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार को घेरते हुए इस मामले की जांच की बात कही थी.

Last Updated : Jun 26, 2020, 5:52 AM IST
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