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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले- गुमनाम सेनानियों का योगदान आना चाहिए सामने... - कानपुर की न्यूज

दो दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र विजेता चौधरी हरमोहन सिंह के साथ बिताए पलों के संस्मरण साझा किए. साथ ही उन्होंने नई पीढ़ी को गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से रूबरू कराने पर भी जोर दिया.

कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
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Published : Nov 24, 2021, 11:42 AM IST

Updated : Nov 24, 2021, 5:02 PM IST

कानपुर (kanpur): बर्रा के मेहरबान सिंह पुरवा के एक कॉलेज में चौधरी हरमोहन सिंह (Chaudhary Harmohan Singh) के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेने पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने चौधरी हरमोहन सिंह के साथ बिताए पलों को साझा किया. साथ ही उन्होंने चौधरी साहब की शिक्षाओं को अपनाने पर जोर देने के साथ ही गुमनाम सेनानियों के योगदान को नई पीढ़ी से रूबरू कराने पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह यादव की सादगी से परिचित रहा हूं. यह मेरा सौभाग्य था कि राज्यसभा के एक कार्य़काल में हम साथ-साथ रहे. वह हमेशा कहते थे कि हम सभी हमसफर हैं. वह कहते थे कि ट्रेन में आपके साथ अगर कोई बैठता है तो वह आपका हमसफर है. यह भावना समाज में भी फैल जाए तो कितना अच्छा हो जाए. गरीब-अमीर और जातिवाद के भेद मिट जाए. यदि हम इस भावना को अपना लें तो हमें यहीं पर स्वर्ग दिखने लगेगा.

दो दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र विजेता चौधरी हरमोहन सिंह के साथ बिताए पलों के संस्मरण साझा किए.

उन्होंने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह ने 1984 में हुए दंगों में सिखों की जान बचाई थी इसीलिए उन्हें 1991 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. देश के पूर्व राष्ट्रपति श्री आरवेंकटरमण ने चौधरी हरमोहन सिंह को शौर्य पदक से सम्मानित किया था. चौधरीजी की असाधारण वीरता और शौर्य को मैं नमन करता हूं.

स्व. हरमोहन सिंह यादव की जन्म शताब्दी के कार्यक्रम में हुए शामिल

इस वक्त हम जहां हैं वहां विद्या का मंदिर है. भारत की विकास यात्रा में शिक्षकों और छात्रों का बड़ी भूमिका रही है और आगे भी रहेगी. जनजागरण के बारे में भी बात करना चाहूंगा. अजीजनबाई, मैनावती समेत कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में नई पीढ़ी परिचित नहीं है. यह हमारी जिम्मेदारी हैं कि नई पीढ़ी को ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों की अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराई जाए. जय देव कपूर और शिव वर्मा के बारे में लोग कम जानते हैं. न जाने कितने गुमनाम हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए जान गवां दी।. ऐसे सेनानियों के योगदान भी सामने आने चाहिए.

स्व. हरमोहन सिंह यादव की जन्म शताब्दी के कार्यक्रम में हुए शामिल

राष्ट्रपति ने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह मुझे कहा करते थे कि क्षेत्र का विकास न हो रहा हो तो शिक्षण संस्थान खोल देने चाहिए. बच्चे शिक्षित होंगे तो भविष्य में विकास जरूर होगा. चौधरी साहब ने वही किया.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर 24 और 25 नवंबर के दो दिन के प्रवास पर कानपुर में हैं. पहले दिन उन्होंने चौधरी हरमोहन सिंह के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया. शाम पांच बजे वह सर्किट हाउस में लोगों से मिलेंगे. 25 नवंबर को वह एचबीटीयू के शताब्दी समारोह में भाग लेंगे.

चौधरी सुखराम सिंह के परिजनों से मिले महामहिम

मेहरबान सिंह का पुरवा में हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद राष्ट्रपति संस्थान में बने अतिथि ग्रह में पहुंचे, जहां उन्होंने चौधरी सुखराम सिंह यादव के परिजनों से मुलाकात की. कार्यक्रम का आयोजन मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित चौधरी हर मोहन सिंह पैरामेडिकल सांइस एण्ड नर्सिंग इन्स्टीट्यूशन में हुआ. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव स्टेज पर मौजूद रहे. राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव ने शाल ओढ़ाकर राष्ट्रपति का स्वागत किया.

कानपुर (kanpur): बर्रा के मेहरबान सिंह पुरवा के एक कॉलेज में चौधरी हरमोहन सिंह (Chaudhary Harmohan Singh) के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेने पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने चौधरी हरमोहन सिंह के साथ बिताए पलों को साझा किया. साथ ही उन्होंने चौधरी साहब की शिक्षाओं को अपनाने पर जोर देने के साथ ही गुमनाम सेनानियों के योगदान को नई पीढ़ी से रूबरू कराने पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह यादव की सादगी से परिचित रहा हूं. यह मेरा सौभाग्य था कि राज्यसभा के एक कार्य़काल में हम साथ-साथ रहे. वह हमेशा कहते थे कि हम सभी हमसफर हैं. वह कहते थे कि ट्रेन में आपके साथ अगर कोई बैठता है तो वह आपका हमसफर है. यह भावना समाज में भी फैल जाए तो कितना अच्छा हो जाए. गरीब-अमीर और जातिवाद के भेद मिट जाए. यदि हम इस भावना को अपना लें तो हमें यहीं पर स्वर्ग दिखने लगेगा.

दो दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र विजेता चौधरी हरमोहन सिंह के साथ बिताए पलों के संस्मरण साझा किए.

उन्होंने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह ने 1984 में हुए दंगों में सिखों की जान बचाई थी इसीलिए उन्हें 1991 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. देश के पूर्व राष्ट्रपति श्री आरवेंकटरमण ने चौधरी हरमोहन सिंह को शौर्य पदक से सम्मानित किया था. चौधरीजी की असाधारण वीरता और शौर्य को मैं नमन करता हूं.

स्व. हरमोहन सिंह यादव की जन्म शताब्दी के कार्यक्रम में हुए शामिल

इस वक्त हम जहां हैं वहां विद्या का मंदिर है. भारत की विकास यात्रा में शिक्षकों और छात्रों का बड़ी भूमिका रही है और आगे भी रहेगी. जनजागरण के बारे में भी बात करना चाहूंगा. अजीजनबाई, मैनावती समेत कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में नई पीढ़ी परिचित नहीं है. यह हमारी जिम्मेदारी हैं कि नई पीढ़ी को ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों की अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराई जाए. जय देव कपूर और शिव वर्मा के बारे में लोग कम जानते हैं. न जाने कितने गुमनाम हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए जान गवां दी।. ऐसे सेनानियों के योगदान भी सामने आने चाहिए.

स्व. हरमोहन सिंह यादव की जन्म शताब्दी के कार्यक्रम में हुए शामिल

राष्ट्रपति ने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह मुझे कहा करते थे कि क्षेत्र का विकास न हो रहा हो तो शिक्षण संस्थान खोल देने चाहिए. बच्चे शिक्षित होंगे तो भविष्य में विकास जरूर होगा. चौधरी साहब ने वही किया.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर 24 और 25 नवंबर के दो दिन के प्रवास पर कानपुर में हैं. पहले दिन उन्होंने चौधरी हरमोहन सिंह के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया. शाम पांच बजे वह सर्किट हाउस में लोगों से मिलेंगे. 25 नवंबर को वह एचबीटीयू के शताब्दी समारोह में भाग लेंगे.

चौधरी सुखराम सिंह के परिजनों से मिले महामहिम

मेहरबान सिंह का पुरवा में हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद राष्ट्रपति संस्थान में बने अतिथि ग्रह में पहुंचे, जहां उन्होंने चौधरी सुखराम सिंह यादव के परिजनों से मुलाकात की. कार्यक्रम का आयोजन मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित चौधरी हर मोहन सिंह पैरामेडिकल सांइस एण्ड नर्सिंग इन्स्टीट्यूशन में हुआ. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव स्टेज पर मौजूद रहे. राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव ने शाल ओढ़ाकर राष्ट्रपति का स्वागत किया.

Last Updated : Nov 24, 2021, 5:02 PM IST
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