कानपुर: पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से 94 टेनरियों के संचालन पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. साथ ही विद्युत विभाग और जल-कल विभाग को इन सभी टेनरियों का कनेक्शन काट कर सप्लाई रोकने का भी आदेश विभागों को जारी किया है. इतना ही नहीं टेनरी मालिकों को सीसीटीवी कैमरा टेनरियों में लगवाकर विभाग को लिखित सूचना देने के लिए कहा है, तो वहीं पॉल्यूशन कंट्रोल विभाग की इस कार्रवाई से टेनरी संचालकों में हड़कंप मच गया है.
इसलिए आया बन्दी का आदेश
दरअसल, कानपुर के जाजमऊ इलाके में इस समय 217 टेनरियों का संचालन हो रहा है. जिनमें से 94 टेनरी वाजिदपुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ी हुई हैं. जल निगम ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें विभाग की तरफ से पत्र लिख कर खुलासा किया गया था कि वाजिदपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ी टेनरियों ने चर्म निर्माण के दौरान इस्काईयो से निकलने वाले दूषित जल को न सिर्फ घरेलू सीवर में मिला रहे हैं बल्कि गीला कार्य भी कर रहे हैं. जबकि जिलाधिकारी ने 31 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर इन टेनरियों के गीला कार्य करने पर रोक लगाई थी, लेकिन टेनरी संचालक मनमानी करते रहे. जिसकी वजह से वाजिदपुर सीवरेज प्लांट एक ओर ओवरफ्लो की समस्या झेल रहा है तो वही इस प्लांट को दूषित पानी को ट्रीटमेंट करने में भी दिक्कत आ रही है.
टेनरी मालिकों ने जताई आपत्ति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर ने बताया कि 94 टेनरियों से रोक के बावजूद क्षमता से अधिक उत्प्रवाह निकाल रहे हैं. उक्त टेनरियों को नोटिस जारी करने के बाद भी उनका संचालन हो रहा था. जिसके बाद टेनरियों को बंद करने का आदेश दिया गया.
तो वहीं, लेदर निर्यात परिषद के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बंदी के आदेश पर विरोध जताया है.
94 टेनरियों को अनिश्चित काल के लिए बंद करने के आदेश, जानिए वजह - पॉल्युशन कंट्रोल विभाग
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कानपुर में 94 टेनरियों के संचालन पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. जिसके बाद लेदर निर्यात परिषद के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बंदी के आदेश पर विरोध जताया है.
कानपुर: पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से 94 टेनरियों के संचालन पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. साथ ही विद्युत विभाग और जल-कल विभाग को इन सभी टेनरियों का कनेक्शन काट कर सप्लाई रोकने का भी आदेश विभागों को जारी किया है. इतना ही नहीं टेनरी मालिकों को सीसीटीवी कैमरा टेनरियों में लगवाकर विभाग को लिखित सूचना देने के लिए कहा है, तो वहीं पॉल्यूशन कंट्रोल विभाग की इस कार्रवाई से टेनरी संचालकों में हड़कंप मच गया है.
इसलिए आया बन्दी का आदेश
दरअसल, कानपुर के जाजमऊ इलाके में इस समय 217 टेनरियों का संचालन हो रहा है. जिनमें से 94 टेनरी वाजिदपुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ी हुई हैं. जल निगम ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें विभाग की तरफ से पत्र लिख कर खुलासा किया गया था कि वाजिदपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ी टेनरियों ने चर्म निर्माण के दौरान इस्काईयो से निकलने वाले दूषित जल को न सिर्फ घरेलू सीवर में मिला रहे हैं बल्कि गीला कार्य भी कर रहे हैं. जबकि जिलाधिकारी ने 31 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर इन टेनरियों के गीला कार्य करने पर रोक लगाई थी, लेकिन टेनरी संचालक मनमानी करते रहे. जिसकी वजह से वाजिदपुर सीवरेज प्लांट एक ओर ओवरफ्लो की समस्या झेल रहा है तो वही इस प्लांट को दूषित पानी को ट्रीटमेंट करने में भी दिक्कत आ रही है.
टेनरी मालिकों ने जताई आपत्ति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर ने बताया कि 94 टेनरियों से रोक के बावजूद क्षमता से अधिक उत्प्रवाह निकाल रहे हैं. उक्त टेनरियों को नोटिस जारी करने के बाद भी उनका संचालन हो रहा था. जिसके बाद टेनरियों को बंद करने का आदेश दिया गया.
तो वहीं, लेदर निर्यात परिषद के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बंदी के आदेश पर विरोध जताया है.