कानपुर : यतीमखाने में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है. पुलिस अराजक तत्वों पर रखने एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील इलाकों के चप्पे-चप्पे पर ड्रोन से नजर रख रही है. हिंसा के आस-पास वाले इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. पत्थरबाजी और फायरिंग के बवाल में संलिप्त संदिग्धों की पहचान के लिए पुलिस ने 40 लोगों का फोटो जारी किया है.
कानपुर नगर के यतीमखाने इलाके में 3 जून को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने हिंसा का षडयंत्र रचने वाले मुख्य आरोपी जफर हाशमी व उसके 3 साथियों समेत 38 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. इसके अलावा दंगा भड़काने में संलिप्त 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि बीते दिन पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा समेत अन्य आला अधिकारियों ने संवेदनशील इलाकों में पैदल मार्च किया था. पैदल मार्च के दौरान अधिकारियों ने इलाके में अमन-चैन कायम करने के लिए लोगों से अपील की थी.
पुलिस ने जारी किया हिंसा में संलिप्त संदिग्ध व्यक्तियों का फोटो :
पत्थरबाजी और फायरिंग के बवाल में संलिप्त संदिग्धों की पहचान के लिए पुलिस ने 40 लोगों का फोटो जारी किया है. पुलिस ने आरोपियों को पकड़वाने के लिए आम जन से अपील की है.
8 सोशल मीडिया यूजर के खिलाफ मामला दर्ज
नगर के यतीमखाने इलाके में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है. पुलिस अब तक हिंसा के मास्टर माइंड जफर हयात हाशमी सहित 38 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. अब पुलिस ने भ्रामक सूचना फैलाने वाले 8 सोशल मीडिया अकाउंट होल्डर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एडिशनल एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि बीते दिनों हुई हिंसा के मामले में सोशल मीडिया का भड़काऊ पोस्ट करने वाले 8 यूजरों पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में इन 8 मुकदमो को मिलाकर कुल 38 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एडिशनल एसपी ने आनंद कुलकर्णी ने बताया कि इसके अलावा एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो कि इस पूरे प्रकरण की समीक्षा कर रही है. घटना से जुड़े भ्रामक पोस्ट व सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट व मैसेज की समीक्षा की जा रही है.
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ये है मामला :
बीते 3 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर देहात जिले में अपने पैतृक गांव परौख पहुंचे थे. परौख जाने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करने के लिए पीएम मोदी, सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनका स्वागत करने कानपुर आए थे. राष्ट्रपति की कानपुर में मौजूदगी के समय ही यतीमखाने इलाके में दो समुदायों के बीच हिंसा हुई थी. घटना के बाद सीएम योगी ने नाराजगी जताते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
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