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डेढ़ साल तक आयकर कर्मी विमलेश कुमार के शव को घर में रखने के मामले में पुलिस करेगी जांच

कानपुर में आयकर कर्मी विमलेश कुमार के शव को परिजनों ने करीब डेढ़ साल तक घर पर रखा. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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आयकर कर्मी विमलेश कुमार
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Published : Sep 24, 2022, 10:51 PM IST

कानपुर: शहर के रावतपुर क्षेत्र (Rawatpur area) के इनकम टैक्स चौराहा (income tax intersection) के पास रहने वाले आयकर कर्मी विमलेश कुमार (income tax worker vimlesh kumar) की मौत 22 अप्रैल 2021 को हो गई थी. हालांकि, स्वजनों ने करीब डेढ़ साल तक शव को घर पर रखा. शुक्रवार को जब यह मामला सीएमओ की टीम द्वारा जांच के बाद सभी के सामने आया तो इसकी चर्चा शहर के साथ-साथ देश-दुनिया के हर कोने में हुई. अब पुलिस इस मामले की जांच करेगी.

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने एडीसीपी लाखन सिंह को एक हफ्ते का समय देकर जांच रिपोर्ट मांगी है. जांच के दौरान देखा जाएगा, कि आखिर स्वजनों ने किस तरह से इतने दिनों तक शव को घर पर रखा. अगर शव पर किसी तरह का लेप लगाया गया, या कोई तंत्र-मंत्र किया गया तो अब पुलिस हर छोटी से छोटी जानकारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट बनाएगी. दरअसल, स्वजनों का आखिरी समय तक कहना था, कि विमलेश की सांस चल रही थी. जबकि डाक्टरों ने उसे 22 अप्रैल 2021 को ही मृत घोषित कर दिया था.

यह भी पढ़ें- पीलीभीत में बस की सड़क किनारे खड़े ट्रक से टक्कर, 22 घायल

वहीं, जब विमलेश की बाडी को सीएमओ और अन्य डाक्टरों की टीम एलएलआर अस्पताल ले गई थी, तो क्षेत्रीय लोगों ने कहा था कि विमलेश के घर से कभी किसी तरह की दुर्गंध नहीं आई. इसके पीछे का राज तब सामने आया, जब पुलिस वालों ने स्वजनों से सख्ती से पूछताछ की. एक पुलिसकर्मी ने बताया कि जिस कमरे में विमलेश की बाडी रखी जाती थी, वहां 24 घंटे एसी चलता था. इसी तरह विमलेश के रोज कपड़े बदले जाते थे और डेटाल से साफ-सफाई की जाती थी. इस हैरान कर देने वाले मामले पर लोगों को एक पल के लिए भरोसा नहीं हुआ था, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए.

कानपुर: शहर के रावतपुर क्षेत्र (Rawatpur area) के इनकम टैक्स चौराहा (income tax intersection) के पास रहने वाले आयकर कर्मी विमलेश कुमार (income tax worker vimlesh kumar) की मौत 22 अप्रैल 2021 को हो गई थी. हालांकि, स्वजनों ने करीब डेढ़ साल तक शव को घर पर रखा. शुक्रवार को जब यह मामला सीएमओ की टीम द्वारा जांच के बाद सभी के सामने आया तो इसकी चर्चा शहर के साथ-साथ देश-दुनिया के हर कोने में हुई. अब पुलिस इस मामले की जांच करेगी.

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने एडीसीपी लाखन सिंह को एक हफ्ते का समय देकर जांच रिपोर्ट मांगी है. जांच के दौरान देखा जाएगा, कि आखिर स्वजनों ने किस तरह से इतने दिनों तक शव को घर पर रखा. अगर शव पर किसी तरह का लेप लगाया गया, या कोई तंत्र-मंत्र किया गया तो अब पुलिस हर छोटी से छोटी जानकारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट बनाएगी. दरअसल, स्वजनों का आखिरी समय तक कहना था, कि विमलेश की सांस चल रही थी. जबकि डाक्टरों ने उसे 22 अप्रैल 2021 को ही मृत घोषित कर दिया था.

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वहीं, जब विमलेश की बाडी को सीएमओ और अन्य डाक्टरों की टीम एलएलआर अस्पताल ले गई थी, तो क्षेत्रीय लोगों ने कहा था कि विमलेश के घर से कभी किसी तरह की दुर्गंध नहीं आई. इसके पीछे का राज तब सामने आया, जब पुलिस वालों ने स्वजनों से सख्ती से पूछताछ की. एक पुलिसकर्मी ने बताया कि जिस कमरे में विमलेश की बाडी रखी जाती थी, वहां 24 घंटे एसी चलता था. इसी तरह विमलेश के रोज कपड़े बदले जाते थे और डेटाल से साफ-सफाई की जाती थी. इस हैरान कर देने वाले मामले पर लोगों को एक पल के लिए भरोसा नहीं हुआ था, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए.

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