कानपुरः उत्तर प्रदेश कानपुर के नवेली पावर प्लांट में एक तरफ जहां एल एंड टी कंपनी की सहायक सीडीएन कंपनी का मामला शांत भी नहीं हो पाया था और वेतन की मांग को लेकर पहले भी हंगामा चल रहा था कि वहीं एलएंडटी कंपनी की सहायक आरओसी कंपनी भी काम छोड़कर चली गयी थी. जिसके चलते कंपनी में काम कर रहे मजदूर अपने व परिवार के भरण व पोषण को लेकर मजबूर हो गए.
जिसके चलते मजदूरों के चेहरे पर मायूसी बनी हुई है. वहीं वेतन की मांग को लेकर मजदूरों ने कंपनी के गेट के बाहर बैठकर हंगामा करना शुरू कर दिया. ऐसे में बिना वेतन दिए फरार हुई कंपनियों का विरोध कर रहे मजदूरों के लिए कानपुर सजेती थानाध्यक्ष नीरज बाबू मजदूरों के मसीहा बन कर सामने आए.
इन हंगामों के बीच उन्होंने मानवता की मिसाल पेश करते हुए कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने के दौरान काम कर रहे मजदूरों के खातों में वेतन पहुंचवाने का काम किया, जिसके चलते कंपनी में काम कर रहे मजदूरों के चेहरे पर मुस्कान दौड़ गई है.
मामला घाटमपुर तहसील के सजेती थाना के लाहुरिमऊ नवेली पावर प्लांट का है. जहां पहले भी इरेक्टोस, सीडीएन, एएलटी, एमएसएस व मां शारदे जैसी कई कंपनियों में काम कर रहे सैकड़ों मजदूरों का वेतन मारकर कंपनी रफूचक्कर हो चुकी थी, इसकी वजह से बाहर से आकर काम कर रहे सैकड़ों मजदूरों व उनके परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस मुद्दे को लेकर मजदूरों ने कंपनी में काम बंद करते हुए जमकर हंगामा किया था, इसके बावजूद अधिकारी लापरवाही करते नजर आए.
वहीं सजेती थानाध्यक्ष नीरज बाबू ने बताया कि वह मजदूरों की मेहनत का पैसा दिलाने में प्रयासरत हैं. सीडीएन कंपनी के मजदूरों की लिस्ट भी बना ली गई है. उनके भी मजदूरों का वेतन दिलाने की बात अधिकारियों से की गई है. जल्द ही कंपनी में काम कर रहे लोगों की मजदूरी दिलवाई जाएगी वरना वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. थाना अध्यक्ष ने आरओसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर से बात कर कंपनी में काम करने वाले कुल 462 मजदूरों के खातों में एक करोड़ 19 लाख 24750 पहुंचाने का काम किया.
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