कानपुर: जिले में जहां एक तरफ पुलिस अपराधियों और चोरों से रोजाना दो-चार होती है तो वहीं कहीं पुलिस की बुरी छवि और कहीं पुलिस की अच्छी छवि भी देखने को मिलती है. पुलिस की वर्दी के नीचे कुछ लोगों में आज भी मानवता जिंदा है, जिसकी एक मिसाल महाराजपुर थाना अंतर्गत पूर्वामीर चौकी क्षेत्र में देखने को मिली. पुर्वामीर चौकी इंचार्ज नीरज बाबू अपने सिपाहियों को साथ में लेकर अनाथ बच्चों का सहारा बनने के लिए उनके घर पहुंचे और उनकी मदद की.
दरअसल, बीते दिनों महाराजपुर थाना क्षेत्र के गौशाला गांव में पारिवारिक कलह के चलते महिला ने आग लगा ली थी. आग की लपटों में घिरी अपनी पत्नी को देख पति ने भी उसको बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन आग से जलकर ऊषा और उसके पति जय राम निषाद की दर्दनाक मौत हो गई थी. हादसे के बाद दोनों के पांच बच्चे अनाथ व बेसहारा हो गए थे. मां-बाप के गुजरने के बाद यह मासूम बच्चे सड़क पर आ गए. बच्चों की दादी के द्वारा उनका पालन पोषण किया जाने लगा, लेकिन गरीबी के कारण दादी भी बच्चों का बोझ नहीं उठा पा रही हैं.
पांचों बच्चे अपनी दादी के साथ रहते हैं. परिवार में कोई कमाई का जरिया न होने के कारण घर में खाने-पीने तक के लाले पड़ गए हैं. आग लगने से घर में रखे गर्म कपड़े जल गए, जिसकी वजह से बच्चे ठंड में ठिठुर रहे थे. जब यह जानकारी पूर्वामीर चौकी इंचार्ज नीरज बाबू को हुई तो उन्होंने अपने मातहतों के साथ गुरुवार को गौशाला गांव जाकर बच्चों का हालचाल लिया. साथ ही आटा, चावल सहित खाने-पीने की सामग्री और कुछ आर्थिक मदद भी की.
चौकी प्रभारी ने क्षेत्रीय लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग इन बेसहारा बच्चों का सहारा बनें और इनकी परवरिश के लिए आगे आएं, क्योंकि इन बच्चों के मां-बाप के गुजर जाने के बाद इनकी परवरिश बेहद मुश्किल से हो रही है. हम सभी लोगों को मिलकर इन बच्चों की देख-रेख करनी है. चौकी इंचार्ज नीरज बाबू की अपील की बाद मदद के लिए कई लोगों ने अपने हाथ बढ़ाएं हैं. क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि ग्रामीणों ने हर संभव बच्चों की मदद करने का आश्वासन पुर्वामीर चौकी प्रभारी को दिया है.