कानपुर: जिले के यतीमखाना और बाबूपुरवा में हुई हिंसा में बाहर के लोग भी शामिल थे, जिसमें से कुछ दूसरे जिलों और प्रदेशों से भी आए थे. इन लोगों ने स्थानीय लोगों को उपद्रव करने के लिए भड़काया था. इस जानकारी के बाद पुलिस चौकन्नी हो गई है. हालांकि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये लोग कौन थे और कहां ठहरे थे. इस दौरान पुलिस ने तीन दिन में 15 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें करीब 21,500 लोगों को आरोपी बनाया गया है और अब तक की कार्रवाई में 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने कसा शिकंजा
- उपद्रव और विरोध प्रदर्शन में अब तक विभिन्न थानों में 15 मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
- इसमें 21 हजार से ज्यादा लोग आरोपी हैं.
- बाबूपुरवा और बेकनगंज में 12 लोगों को जेल भेजा गया है, जबकि एक बुजुर्ग को थाने से ही जमानत दे दी गई.
- बिल्हौर में भी एक आरोपी को जेल भेजा गया है.
- पुलिस 50 अन्य संदिग्धों से भी थानों में पूछताछ कर रही है.
- गिरफ्तारी के बाद बलवाइयों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की कार्रवाई भी होगी.
- शहर में हुई हिंसा में गोली लगने से घायल हुए एक और प्रदर्शनकारी ने रविवार को हैलट अस्पताल में दम तोड़ दिया.
- हिंसा में मरने वालों की संख्या अब तीन पहुंच गई है, वहीं एक अन्य की हालत गंभीर है.
संवेदनशील इलाकों में मार्च निकालकर लोगों को नागरिक संसोधन कानून के बारे में जागरूक करने के साथ ही शांति की अपील कर रहे हैं. इतना ही नहीं उपद्रवियों पर कार्रवाई करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर चिन्हित कर गिरफ्तारी की जाएगी.
-मोहित अग्रवाल, आईजी
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