कानपुर: उत्तर प्रदेश में पाॅलीथिन पर फिर से प्रतिबंध लगाया गया है. कुछ कानूनी बदलाव के कारण साल 2015 में लगाया गया पाॅलीथिन पर प्रतिबंध प्रभावी साबित नहीं हुआ था. योगी सरकार इन सभी अटकलों को दूर कर पाॅलीथिन फिर से बंद कराने का दावा कर रही है. इसी कड़ी में जिला प्रशासन के नेतृत्व में गठित की गई टीमों ने कानपुर की पाॅलीथिन फैक्ट्री में छापा मारा.
पाॅलीथिन फैक्ट्री में छापेमारी
- बुधवार को जिला प्रशासन की टीमों ने एसीएम-4 के नेतृत्व में बेकनगंज थाना क्षेत्र में पाॅलीथिन बनाने वाली फैक्ट्री में छापा मारा.
- कानपुर नगर निगम, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और जीएसटी की टीम ने अवैध रूप से संचालित की जा रही पाॅलीथिन भारी मात्रा में जब्त की है.
- यहां सख्त आदेश के बाद भी कारखानों में पॉलीथिन बनती और बिकती है.
- प्रतिबंध के बावजूद पाॅलीथिन का खुलकर हो रहा है इस्तेमाल.
नवंबर 2015 में प्रयागराज ई-कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि एक माह की अवधि में पॉलीथिन पर रोक सुनिश्चित कर ली जाए. इसके बाद दिसंबर 2015 में तत्कालीन अखिलेश सरकार ने पाॅलीथिन पर रोक लगा दिया था. यह कानून कुछ समय तक तो प्रभावी दिखा, लेकिन बाजार में पॉलीथिन की बिक्री दोबारा शुरू हो गई. योगी सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए एक बार फिर से पाॅलीथिन के बनाने और उसका उपयोग करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.
डीएम के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है. पाॅलीथिन बैग पर जो बैन लगा हुआ था, उनके प्रयोग के क्रम में यहां फैक्ट्री में छापा मारा है.
-रिजवाना, एसीएम-4
यहां छापा मारा गया है, इसमें भारी मात्रा में पाॅलीथिन पाई गई है. यहां के कर्मचारी फैक्ट्री का दरवाजा नहीं खोल रहे थे. काफी देर बाद दरवाजा खोला और हम लोगों ने देखा कि भारी मात्रा में अवैध पाॅलीथिन बनाई जा रही है.
-वाई के द्विवेदी, नोडल अधिकारी