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कानपुर हिंसा कांड में पीएफआई कनेक्शन आया सामने, अब एटीएस करेगी जांच

कानपुर में परेड चौराहा पर हुए बवाल का अब पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) से कनेक्शन सामने आया है. पुलिस टीम द्वारा मामले की जांच की जा रही है.

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एटीएस करेगी जांच
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Published : Jun 5, 2022, 7:37 PM IST

कानपुर: जनपद में बीते शुक्रवार को दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प मामले का पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कनेक्शन सामने आया है. इसके चलते एटीएस की टीम एक्टिव मोड में आ गई है. बता दें कि पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) के सदस्यों को आरोपियों के पास से पीएफआइ के लिट्रेचर मिले हैं.

डी-2 गैंग के सक्रिय होने की आशंका

दरअसल, शुक्रवार को राष्ट्रपति, पीएम और सीएम के कानपुर में होने के बावजूद, शहर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई. माहौल बिगड़ने के पीछे पुलिस के आला अफसरों को यह आशंका है, कि इस बवाल में डी-2 गैंग के सदस्य का हाथ है. इन सदस्यों ने कुछ संगठन के पदाधिकारियों संग मिलकर पहले परेड और आसपास दुकानें बंद कराईं, फिर अचानक ही उग्र होकर पत्थर और बम चलाए. एटीएस के एक आला अफसर ने बताया, कि एडीजी ने उन सभी गलियों का दौरा किया, जहां से यह पत्थरबाजी हुई. ऐसे में उम्मीद है कि जल्द एटीएस इस मामले में अपनी जांच शुरू कर देगी. जबकि अभी स्थानीय पुलिस के आला अफसर आतंकी गतिविधियों को लेकर पूरी तरह से इंकार कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- बिल्हौर नौगजापीर दरगाह कमेटी ने किया तीन दिवसीय उर्स का ऐलान

वहीं, रविवार दोपहर अचानक एडीजी एटीएस नवीन अरोड़ा परेड चौराहा पहुंचे और संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी समेत अन्य अफसरों से उन्होंने कई अहम जानकारियां जुटाईं. दूसरी ओर बवाल के बाद शहर में अमन-चैन बना रहे. इसके लिए पुलिस प्रशासन के अफसरों ने पूरे क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया. साथ ही सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया. इस मामले पर पुलिस के आला अफसरों का कहना था, कि मामले में बेहद गंभीरता बरती जा रही है.

2020 के हादसे में सामने आया था पीएफआई कनेक्शन

आपको बता दें कि साल 2020 में शहर के परेड चौराहा पर हुए बवाल के दौरान भी युवाओं का पीएफआई कनेक्शन सामने आया था. जानकार बताते हैं, कि शहर में इस संगठन के सदस्यों की विशेष समुदाय के युवाओं में अच्छी पैठ है. यह केरल का एक चरमपंथी संगठन है. हालांकि, इस मामले पर अब पुलिस ने पीएफआई के सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है.

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कानपुर: जनपद में बीते शुक्रवार को दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प मामले का पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कनेक्शन सामने आया है. इसके चलते एटीएस की टीम एक्टिव मोड में आ गई है. बता दें कि पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) के सदस्यों को आरोपियों के पास से पीएफआइ के लिट्रेचर मिले हैं.

डी-2 गैंग के सक्रिय होने की आशंका

दरअसल, शुक्रवार को राष्ट्रपति, पीएम और सीएम के कानपुर में होने के बावजूद, शहर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई. माहौल बिगड़ने के पीछे पुलिस के आला अफसरों को यह आशंका है, कि इस बवाल में डी-2 गैंग के सदस्य का हाथ है. इन सदस्यों ने कुछ संगठन के पदाधिकारियों संग मिलकर पहले परेड और आसपास दुकानें बंद कराईं, फिर अचानक ही उग्र होकर पत्थर और बम चलाए. एटीएस के एक आला अफसर ने बताया, कि एडीजी ने उन सभी गलियों का दौरा किया, जहां से यह पत्थरबाजी हुई. ऐसे में उम्मीद है कि जल्द एटीएस इस मामले में अपनी जांच शुरू कर देगी. जबकि अभी स्थानीय पुलिस के आला अफसर आतंकी गतिविधियों को लेकर पूरी तरह से इंकार कर रहे हैं.

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वहीं, रविवार दोपहर अचानक एडीजी एटीएस नवीन अरोड़ा परेड चौराहा पहुंचे और संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी समेत अन्य अफसरों से उन्होंने कई अहम जानकारियां जुटाईं. दूसरी ओर बवाल के बाद शहर में अमन-चैन बना रहे. इसके लिए पुलिस प्रशासन के अफसरों ने पूरे क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया. साथ ही सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया. इस मामले पर पुलिस के आला अफसरों का कहना था, कि मामले में बेहद गंभीरता बरती जा रही है.

2020 के हादसे में सामने आया था पीएफआई कनेक्शन

आपको बता दें कि साल 2020 में शहर के परेड चौराहा पर हुए बवाल के दौरान भी युवाओं का पीएफआई कनेक्शन सामने आया था. जानकार बताते हैं, कि शहर में इस संगठन के सदस्यों की विशेष समुदाय के युवाओं में अच्छी पैठ है. यह केरल का एक चरमपंथी संगठन है. हालांकि, इस मामले पर अब पुलिस ने पीएफआई के सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है.

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