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20 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से दूर है कानपुर का ये इलाका

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का आवास विकास के अंतर्गत आने वाला हंसपुरम इलाके में लोगों को कई दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां लोगों को घरों के सामने जलभराव की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने इस इलाके के लोगों से जानी उनकी समस्याएं.

20 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से दूर है कानपुर का यह इलाका
20 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से दूर है कानपुर का यह इलाका
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Published : Mar 13, 2021, 2:19 PM IST

कानपुर: उत्तर प्रदेश के स्मार्ट शहरों में कानपुर महानगर भी है, लेकिन अभी भी कानपुर में कई ऐसे इलाके हैं जहां लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं. विकास तो छोड़िए लोगों को घरों के बाहर निकलने के लिए रास्ते तक नहीं है. ईटीवी भारत की टीम लोगों की समस्या जानने के लिए उनके घर पहुंची और जाना कि आखिर किस प्रकार लोग बिना सुविधाओं के इतनी मुश्किल से अपना जीवन यापन कर रहे हैं.कानपुर महानगर के आवास विकास हंसपुरम में सालों से सड़क में पानी भरा हुआ है. लोगों को निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं है. लोग बीमार हो रहे हैं. बच्चे बीमार हो रहे हैं. आए दिन हादसे होते हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

20 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से दूर है कानपुर का ये इलाका
सारी मूलभूत सुविधाओं से दूर है ये इलाका
बता दें कि आवास विकास हंसपुरम पहले आवास विकास के अंतर्गत आता था, अब इसे नगर निगम को सौंप दिया गया है, जिसके बाद यह नगर निगम के अंदर आता है. लोगों का कहना है कि वह लोग दर-दर के चक्कर काट चुके हैं. सभी अधिकारियों के पास जा चुके हैं. नेताओं के ऑफिस जा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. यहां पर सारी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं ना पानी समय से आता है, सीवर की समस्या हमेशा बनी रहती है.सड़कें भी नहीं हैं लेकिन हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
क्षेत्र की रहने वाली संतोष कुमारी ने बताया कि कई सालों से पानी भरा हुआ है. एकमात्र सड़क है. लोग निकल नहीं पाते हैं. गाड़ियां नहीं आ पाती हैं. आए दिन पानी में गिर कर लोग घायल होते हैं. कई बार अधिकारियों के पास गए. नेताओं के पास गए लेकिन उनकी सुध किसी ने नहीं ली.
क्षेत्रीय महिला ने बताया कि यह कॉलोनी लगभग 20 साल पुरानी है. लेकिन आज तक यहां विकास कार्य नहीं हुआ. आज भी बरसात के वक्त यहां पर सड़कें लबालब भर जाती हैं. लोग घरों के अंदर कैद हो जाते हैं और सीवर हमेशा भरे रहते हैं. लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है.
स्थानीय मीरा पटेल ने बताया कि कूड़ा और पानी भरे जलभराव के कारण आए दिन बच्चे बीमार होते हैं. वहीं बात की जाए पानी की तो दूसरी पानी आता है. वह भी उसका भी समय निश्चित नहीं रहता है. नगर निगम द्वारा कूड़ा भी हफ्ते में सिर्फ एक या दो बार उठाया जाता है. ऐसे में बीमारियां फैलती हैं और बच्चे बीमार होते हैं.
क्षेत्रीय मन्नू ने बताया कि कई बार अधिकारियों के पास गए, ऑफिस के चक्कर लगाए लेकिन आज तक कहीं सुनवाई नहीं हुई.
क्षेत्रीय निवासी मयंक शुक्ला ने बताया कि आए दिन यहां पर लोग फिसल जाते हैं. हादसे होते हैं. कई सालों से पानी भरा हुआ है. कई बार अधिकारियों के पास गए, नेताओं के पास गए, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली .अब लोग ऐसे रहने के लिए मजबूर हो गए हैं. बरसात में तो हालत यह हो जाती है कि लोग घरों के अंदर कैद हो जाते हैं. घर के बाहर निकलने तक की जगह नहीं रहती है.

कानपुर: उत्तर प्रदेश के स्मार्ट शहरों में कानपुर महानगर भी है, लेकिन अभी भी कानपुर में कई ऐसे इलाके हैं जहां लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं. विकास तो छोड़िए लोगों को घरों के बाहर निकलने के लिए रास्ते तक नहीं है. ईटीवी भारत की टीम लोगों की समस्या जानने के लिए उनके घर पहुंची और जाना कि आखिर किस प्रकार लोग बिना सुविधाओं के इतनी मुश्किल से अपना जीवन यापन कर रहे हैं.कानपुर महानगर के आवास विकास हंसपुरम में सालों से सड़क में पानी भरा हुआ है. लोगों को निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं है. लोग बीमार हो रहे हैं. बच्चे बीमार हो रहे हैं. आए दिन हादसे होते हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

20 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से दूर है कानपुर का ये इलाका
सारी मूलभूत सुविधाओं से दूर है ये इलाका
बता दें कि आवास विकास हंसपुरम पहले आवास विकास के अंतर्गत आता था, अब इसे नगर निगम को सौंप दिया गया है, जिसके बाद यह नगर निगम के अंदर आता है. लोगों का कहना है कि वह लोग दर-दर के चक्कर काट चुके हैं. सभी अधिकारियों के पास जा चुके हैं. नेताओं के ऑफिस जा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. यहां पर सारी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं ना पानी समय से आता है, सीवर की समस्या हमेशा बनी रहती है.सड़कें भी नहीं हैं लेकिन हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
क्षेत्र की रहने वाली संतोष कुमारी ने बताया कि कई सालों से पानी भरा हुआ है. एकमात्र सड़क है. लोग निकल नहीं पाते हैं. गाड़ियां नहीं आ पाती हैं. आए दिन पानी में गिर कर लोग घायल होते हैं. कई बार अधिकारियों के पास गए. नेताओं के पास गए लेकिन उनकी सुध किसी ने नहीं ली.
क्षेत्रीय महिला ने बताया कि यह कॉलोनी लगभग 20 साल पुरानी है. लेकिन आज तक यहां विकास कार्य नहीं हुआ. आज भी बरसात के वक्त यहां पर सड़कें लबालब भर जाती हैं. लोग घरों के अंदर कैद हो जाते हैं और सीवर हमेशा भरे रहते हैं. लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है.
स्थानीय मीरा पटेल ने बताया कि कूड़ा और पानी भरे जलभराव के कारण आए दिन बच्चे बीमार होते हैं. वहीं बात की जाए पानी की तो दूसरी पानी आता है. वह भी उसका भी समय निश्चित नहीं रहता है. नगर निगम द्वारा कूड़ा भी हफ्ते में सिर्फ एक या दो बार उठाया जाता है. ऐसे में बीमारियां फैलती हैं और बच्चे बीमार होते हैं.
क्षेत्रीय मन्नू ने बताया कि कई बार अधिकारियों के पास गए, ऑफिस के चक्कर लगाए लेकिन आज तक कहीं सुनवाई नहीं हुई.
क्षेत्रीय निवासी मयंक शुक्ला ने बताया कि आए दिन यहां पर लोग फिसल जाते हैं. हादसे होते हैं. कई सालों से पानी भरा हुआ है. कई बार अधिकारियों के पास गए, नेताओं के पास गए, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली .अब लोग ऐसे रहने के लिए मजबूर हो गए हैं. बरसात में तो हालत यह हो जाती है कि लोग घरों के अंदर कैद हो जाते हैं. घर के बाहर निकलने तक की जगह नहीं रहती है.
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