कानपुर: जिले में पांडु नदी में बाढ़ के कारण पनका गांव के घरों में पांच फीट तक पानी भर गया है. पुल डूब गया है. सड़कों पर पानी भरने की वजह से नाव चल रही है. सैकड़ों लोग सपरिवार पलायन कर गए हैं. बचे लोगों ने परिवार समेत ऊपरी मंजिल या छत पर डेरा डाल लिया है.
बारिश की वजह से पांडु नदी में पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. पनकी के ग्राम पनका में नदी किनारे डूब क्षेत्र में बने मकानों में पानी घुस गया है. गांव के लोगों के लिए शहर की तरफ आने के लिए पटियों का पुल बना है, जिससे पैदल और दोपहिया वाहन सवार आते-जाते थे.
पांडुनदी का जलस्तर बढ़ जाने से लोगों से सबसे ज्यादा परेशानी मेहरबान सिंह पुरवा, वनपुरवा, पिपौरी, बर्रा आठ, तात्याटोपेनगर, कपली गंगागंज इलाके के लोगों को हो रही है. पानी लोगों के घरों के अंदर तक पहुंच गया है. कई घरों में गृहस्थी का सामान भीग गया है.
उधर, सचेंडी के लाल्हेपुर गांव में रिंद नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव में पानी भर गया है. सैकड़ों बीघा फसल डूब गई है. पानी के कारण ग्रामीणों का आवागमन ठप हो गया है. इससे कच्चे मकान ढहने का खतरा बढ़ गया है. सैकड़ों ग्रामीण घर छोड़कर जरूरी सामान लेकर ऊंचे स्थानों पर तिरपाल डालकर गुजारा कर रहे हैं. वे सपरिवार पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं. एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया है कि यहां कम से कम 500 घर डूब गए हैं, लोग लगभग 100 घर खाली करके जा चुके हैं.
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वहीं बता दें कि यमुना और सेंगुर नदी के जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिसके चलते यमुना और सेंगुर नदी खतरे के निशान के नजदीक बहने लगी है. नदी का पानी अब भोगनीपुर और सिकन्दरा तहसील क्षेत्र के कई गांवों के सम्पर्क मार्ग के ऊपर से पानी बह रहा है. जिसके चलते लोग अपनी जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर हो रहे हैं. कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और यमुना नदी के साथ-साथ सेंगुर नदी के बढ़े जल स्तर के चलते भोगनीपुर के पथार, चपरघटा सहित करीब आधा दर्जन गांव का सम्पर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है. दरअसल यमुना और सेंगुर नदी के बढ़े जल स्तर की वजह से तराई क्षेत्र में बसे इन गांवों के तक पानी बाहर पहुंच गया है. वहीं, जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए की भी तैयारियां कर ली गई है. साथ ही जिला प्रशासन ने करीब 25 बाढ़ चौकियों का निर्माण पहले से कर लिया है.