कानपुर: छत्रपति शाहूजी महाराज विवि (CSJMU) अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और डेटा साइंस तकनीक (Data Science Techniques) के एक्सपर्ट तैयार करेगा. सोमवार को विवि प्रशासन ने नई दिल्ली की सुपर एआइपी (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोलेरिस) कंपनी से इस संबंध में करार किया है. कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की मौजूदगी में कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव और कंपनी के एमडी व सीईओ जयदेव रथ ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.
कुलपति प्रो.पाठक ने बताया कि एमओयू (करार) का उद्देश्य गैर-तकनीकी क्षेत्र के छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ज्ञान देना है, ताकि उन्हें रोजगार मिल सकें. उन्होंने कहा कि अगले 10 साल डेटा साइंस के तौर पर जाने जाएंगे. इस वजह से युवा पीढ़ी को इस तकनीक से अवगत कराने की जरूरत है. करार के तहत आने वाले दिनों में सुपर एआइ कंपनी विवि के 50 शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का एक्सपर्ट बनाएगी.
ये शिक्षक विद्यार्थियों को यह तकनीक सिखाएंगे. कंपनी के सीईओ जयदेव रथ ने बताया कि कला, वाणिज्य, विज्ञान वर्ग के विद्यार्थी भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक सीख सकते हैं. कुलपति ने कहा कि छात्र-छात्राओं से पहले शिक्षकों के लिए कोर्स का सर्टिफाइड प्रोग्राम कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि छात्रों को उद्योगों की इसी तकनीकी से जानकारी दी जाएगी. छोटे-छोटे प्रोजेक्ट उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि उन्हें इंटर्नशिप के लिए भटकना न पड़े.
कंपनी के निदेशक डॉ. मनप्रीत सिंह मन्ना ने कहा कि वह एक हफ्ते के लिए माइक्रोसाफ्ट सर्टिफाइड प्रोग्राम कराएंगे. उन्हीं शिक्षकों को प्रमाणपत्र मिलेगा, जिनकी उपस्थिति 70 फीसद होगी.
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सुपर एआइपी कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि कंपनी की ओर से सीएसजेएमयू व संबद्ध कालेजों के छात्र-छात्राओं को 200 से अधिक आइडिया व प्रोजेक्ट की जानकारी दी जाएगी. सभी प्रोजेक्ट आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस पर आधारित हैं. इस बारे में सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय पाठक का कहना है कि छात्रों की स्किल को निखारने व उनमें नवाचार के प्रति रुचि बढ़े, इस मकसद से विवि ने यह करार किया है. छात्रों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कराए जाएंगे. सुपर एआइपी कंपनी के विशेषज्ञ इसमें नवीन जानकारियां देंगे.
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