कानपुर: रेल मंत्री पियूष गोयल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लाख दावे करते हैं, लेकिन उनके दावे हवा हवाई साबित होते नजर आ रहे हैं. ऐसी ही कुछ तस्वीरें कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर देखने को मिली. यहां ट्रेन में एक युवक की मौत हो गयी. मृतक का शव ले जाने के लिए परिजनों ने स्टेशन अधीक्षक से स्ट्रेचर की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने उसे अनसुनी कर दिया.
जानें पूरा मामला-
- मुंबई में काम करने वाला आबिद परिजनों के साथ लोकमान्य तिलक ट्रेन से घर रसूलाबाद के लिए आ रहा था.
- मुंबई से ट्रेन चलने के बाद झांसी से पहले आबिद की तबियत खराब हो गयी.
- उसको ट्रेन में इलाज नहीं मिला, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गयी.
- झांसी स्टेशन ट्रेन पहुंचने पर परिजनों ने जीआरपी को इससे अवगत कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
- झांसी से कानपुर तक आबिद का शव ट्रेन में ही रहा.
- ट्रेन जब कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर पहुंची तो आबिद के परिजन स्ट्रेचर लेने के लिए स्टेशन मास्टर के पास पहुंचे.
- स्टेशन मास्टर ने उनकी बात को अनसुनी कर दिया.
- काफी देर भटकने के बाद भी परिजनों को स्ट्रेचर नहीं मिला.
- इसके बाद परिजन खुद ही मृतक आबिद के शव को अपने हाथो में उठाकर ले गये.
रेल मंत्री पियूष गोयल ट्वीट कर कहते हैं कि ट्रेनों के अंदर और स्टेशन पर यात्रियों को इलाज की सुविधा दी जा रही है, लेकिन ट्रेन के अंदर ही आबिद को इलाज नहीं मिला जिससे उसकी मौत हो गयी. वहीं जब इसके बारे में स्टेशन अधीक्षक से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ बोलने से मना कर दिया.