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कानपुर के तीन क्षेत्रों के पानी में घुल रहा नाइट्राइट, अफसरों पर भड़कीं महापौर

कानपुर के तीन क्षेत्रों में पानी में नाइट्राइट मिला है. महापौर प्रमिला पाण्डेय का कहना है कि मामले की जांच जारी है. संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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नगर निगम कानपुर
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Published : Aug 25, 2022, 5:52 PM IST

Updated : Aug 25, 2022, 7:41 PM IST

कानपुरः शहर के तीन अलग-अलग क्षेत्रों में जलकल विभाग की ओर से जब पानी के नमूनों की जांच कराई गई तो पता चला कि यहां के पानी में नाइट्राइट घुल रहा है. लोहारन भट्ठा में 0.03 मिलीग्राम, गजोधर सिंह का पुरवा में 0.02 मिलीग्राम और आनंद नगर में 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर नाइट्राइट की मात्रा मिली है. इस जानकारी के बाद महापौर प्रमिला पांडेय का पारा चढ़ गया. उन्होंने कहा कि जो निकम्मे अफसर हैं और आफिस में बैठकर काम करते हैं उनके खिलाफ अब सख्त कार्रवाई होगी. महापौर ने कहा कि जलकल विभाग के अफसरों को फील्ड पर जकर शहर के अन्य स्थानों पर पानी के नमूनों की जांच करानी चाहिए.

दरअसल, शहर में डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. शहर के जूही क्षेत्र में तो लोगों ने पोस्टर लगाकर सीएम से डायरिया से बचाने की गुहार भी लगा चुके हैं. हालांकि, अभी लोगों के अंदर नगर निगम व जलकल अफसरों के प्रति बहुत अधिक गुस्सा भरा है. लोगों का कहना है, कि क्षेत्र में सफाई भी नहीं कराई जाती है. उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले रावतपुर गांव जाकर महापौर ने लोगों को 25-25 लीटर के कैन भी दिए थे. वहीं, पूरे मामले पर महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही, अफसरों को सख्त हिदायत दी गई है, कि वह अपना काम समय से पूरा करें.

जानकारी देते हुए महापौर प्रमिला पाण्डेय

यह भी पढ़ें- ग्रीनपार्क में सचिन तेंदुलकर का सामना करने उतरेंगे ब्रॉयन लारा

जिन क्षेत्रों में डायरिया फैला है, वहां के लोगों का कहना है कि जलकल विभाग के अफसर कभी झांकने तक नहीं आते. न तो जीएम को परवाह है, न जलकल सचिव को. लोग मरें तो मरें, लेकिन विभागीय अफसर अपने कमरे से नहीं निकलते. वहीं, इस मामले पर यह भी चर्चा है कि जल्द शासन स्तर से जलकल के जीएम या सचिव पर गाज गिर सकती है.

कानपुरः शहर के तीन अलग-अलग क्षेत्रों में जलकल विभाग की ओर से जब पानी के नमूनों की जांच कराई गई तो पता चला कि यहां के पानी में नाइट्राइट घुल रहा है. लोहारन भट्ठा में 0.03 मिलीग्राम, गजोधर सिंह का पुरवा में 0.02 मिलीग्राम और आनंद नगर में 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर नाइट्राइट की मात्रा मिली है. इस जानकारी के बाद महापौर प्रमिला पांडेय का पारा चढ़ गया. उन्होंने कहा कि जो निकम्मे अफसर हैं और आफिस में बैठकर काम करते हैं उनके खिलाफ अब सख्त कार्रवाई होगी. महापौर ने कहा कि जलकल विभाग के अफसरों को फील्ड पर जकर शहर के अन्य स्थानों पर पानी के नमूनों की जांच करानी चाहिए.

दरअसल, शहर में डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. शहर के जूही क्षेत्र में तो लोगों ने पोस्टर लगाकर सीएम से डायरिया से बचाने की गुहार भी लगा चुके हैं. हालांकि, अभी लोगों के अंदर नगर निगम व जलकल अफसरों के प्रति बहुत अधिक गुस्सा भरा है. लोगों का कहना है, कि क्षेत्र में सफाई भी नहीं कराई जाती है. उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले रावतपुर गांव जाकर महापौर ने लोगों को 25-25 लीटर के कैन भी दिए थे. वहीं, पूरे मामले पर महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही, अफसरों को सख्त हिदायत दी गई है, कि वह अपना काम समय से पूरा करें.

जानकारी देते हुए महापौर प्रमिला पाण्डेय

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जिन क्षेत्रों में डायरिया फैला है, वहां के लोगों का कहना है कि जलकल विभाग के अफसर कभी झांकने तक नहीं आते. न तो जीएम को परवाह है, न जलकल सचिव को. लोग मरें तो मरें, लेकिन विभागीय अफसर अपने कमरे से नहीं निकलते. वहीं, इस मामले पर यह भी चर्चा है कि जल्द शासन स्तर से जलकल के जीएम या सचिव पर गाज गिर सकती है.

Last Updated : Aug 25, 2022, 7:41 PM IST
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