कानपुर: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश के बाद छत्रपति शाहू जी महाराज विवि की ओर से डिजीलाकर में अंकपत्र व डिग्री अपलोड की जा रही है. जिसमें सीएसजेएमयू विवि को पहला स्थान मिला है. केंद्र के नेशनल अकादमिक डिपाजटरी ने पहली बार 36 शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी की है. इसमें सीएसजेएमयू ने बाजी मारी. वहीं, दूसरे स्थान पर बरेली स्थित रुहेलखंड विवि है.
गौरतलब है कि कुछ समय पहले कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी सरकारी विवि, निजी विवि और संस्थानों को छात्रों के सभी दस्तावेजों को डिजीलाकर में अपपोड करने के निर्देश दिए थे. इसे गंभीरता से लेते हुए सीएसजेएमयू के प्रशासनिक अफसरों ने पिछले आठ सालों में विवि से पास हुए 54 लाख 34 हजार 774 छात्र-छात्राओं के अंकपत्र व डिग्रियां डिजीलाकर पर अपलोड किए.
वहीं, लगभग 48 लाख डॉक्यूमेंट अपलोड करके रुहेलखंड विवि बरेली दूसरे स्थान पर रहा. इसके अलावा वर्षवार दस्तावेज अपलोड करने की श्रेणी में उप्र राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी प्रयागराज ने 23 वर्षों के दस्तावेज अपलोड करके पहला स्थान हासिल किया. जबकि 17 सालों के दस्तावेज डिजीलाकर पर अपलोड करके चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ ने दूसरा स्थान हासिल किया. विवि के कुलपति प्रो.विनय पाठक ने कहा, कि अंकपत्रों व डिग्रियों को डिजीलाकर पर अपलोड करने का सिलसिला लगातार जारी है.
नैक की तैयारियां पूरी, राजभवन भी संतुष्ट: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की ओर से जल्द निरीक्षण होना है. इसके बाद विवि को नैक की ओर से रैंक दी जाएगी. विवि के प्रशासनिक अफसरों ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसका पूरा प्रेजेंटेशन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी देखा और उसे बेहतर बताया है.
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