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दारोगा के खिलाफ कार्रवाई न होने पर पीड़ित मां-बेटी ने मांगी आत्महत्या की अनुमति, कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश - महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश

यूपी के कानपुर में दारोगा के खिलाफ कार्रवाई न होने पर पीड़ित मां-बेटी ने सीएम योगी और कमिश्नर से आत्महत्या की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद कमिश्नर असीम अरुण ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

मां-बेटी ने मांगी आत्महत्या की अनुमति
मां-बेटी ने मांगी आत्महत्या की अनुमति
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Published : Aug 4, 2021, 7:14 PM IST

कानपुर: एक ओर जहां योगी सरकार मिशन शक्ति अभियान चलाकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने की बात कह रही है वहीं दूसरी पुलिस योगी सरकार की मंशा पर पानी फेरती नजर आ रही है. ताजा मामला कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र का है. यहां 13 जुलाई को युवती ने औरैया में तैनात पड़ोसी दारोगा पर मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे. युवती ने पनकी एसएचओ दधिबल तिवारी और एसएसआई राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह इस मामले की शिकायत करने पनकी थाने गई तो उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की और उसे भगा दिया गया. ऐसे में इंसाफ न मिलने पर पीड़ित मां-बेटी ने मुख्यमंत्री और पुलिस कमिश्नर से इच्छा मृत्यु की मांग की थी. जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही है.

बता दें कि घटना पनकी थाना क्षेत्र के गंगागंज इलाके की है. यहां 13 जुलाई को सबमर्सिबल का पाइप निकालने को लेकर रूबी का पड़ोस में रहने वाले दारोगा के परिवार से विवाद हो गया था. युवती ने आरोप लाया कि इसके बाद औरैया में तैनात दारोगा जब शाम को घर लौटा तो उसने घर में घुस कर पीड़िता रूबी और उसकी मां के साथ मारपीट की. इस दौरान दारोगा ने जान से मारने की धमकी भी दी थी. जिसके बाद पीड़ित मां ब-टी ने मामले की शिकायत पनकी थाने में की. शिकायत के बावजूद जब मामले में आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने पनकी एसएचओ को फोन करके कार्यवाही की जानकारी मांगी. जिसपर पनकी एसएचओ दाधिबल तिवारी ने जानकारी देने के बजाय पीड़िता को फोन पर एससी एसटी के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए जमकर डांट लगाई थी.

मां-बेटी ने मांगी आत्महत्या की अनुमति

जब पीड़ित मां-बेटी को इंसाफ नहीं मिला तो दोनों ने सीएम योगी और पुलिस कमिश्नर से आत्महत्या करने की अनुमति मांगी थी. अब इस मामले का संज्ञान पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने लिया है. पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही एडिशनल डीसीपी को जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही जांच में दोषी पायए जाने वाले के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही करने की बात भी कही है.

कानपुर: एक ओर जहां योगी सरकार मिशन शक्ति अभियान चलाकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने की बात कह रही है वहीं दूसरी पुलिस योगी सरकार की मंशा पर पानी फेरती नजर आ रही है. ताजा मामला कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र का है. यहां 13 जुलाई को युवती ने औरैया में तैनात पड़ोसी दारोगा पर मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे. युवती ने पनकी एसएचओ दधिबल तिवारी और एसएसआई राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह इस मामले की शिकायत करने पनकी थाने गई तो उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की और उसे भगा दिया गया. ऐसे में इंसाफ न मिलने पर पीड़ित मां-बेटी ने मुख्यमंत्री और पुलिस कमिश्नर से इच्छा मृत्यु की मांग की थी. जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही है.

बता दें कि घटना पनकी थाना क्षेत्र के गंगागंज इलाके की है. यहां 13 जुलाई को सबमर्सिबल का पाइप निकालने को लेकर रूबी का पड़ोस में रहने वाले दारोगा के परिवार से विवाद हो गया था. युवती ने आरोप लाया कि इसके बाद औरैया में तैनात दारोगा जब शाम को घर लौटा तो उसने घर में घुस कर पीड़िता रूबी और उसकी मां के साथ मारपीट की. इस दौरान दारोगा ने जान से मारने की धमकी भी दी थी. जिसके बाद पीड़ित मां ब-टी ने मामले की शिकायत पनकी थाने में की. शिकायत के बावजूद जब मामले में आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने पनकी एसएचओ को फोन करके कार्यवाही की जानकारी मांगी. जिसपर पनकी एसएचओ दाधिबल तिवारी ने जानकारी देने के बजाय पीड़िता को फोन पर एससी एसटी के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए जमकर डांट लगाई थी.

मां-बेटी ने मांगी आत्महत्या की अनुमति

जब पीड़ित मां-बेटी को इंसाफ नहीं मिला तो दोनों ने सीएम योगी और पुलिस कमिश्नर से आत्महत्या करने की अनुमति मांगी थी. अब इस मामले का संज्ञान पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने लिया है. पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही एडिशनल डीसीपी को जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही जांच में दोषी पायए जाने वाले के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही करने की बात भी कही है.

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