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कानपुर: शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, बहन बोली- शेर था मेरा भाई - कानपुर खबर

यूपी के कानपुर जिले के बिरहानीपुर गांव निवासी सेना के जवान धर्मेंद्र गुरुवार को सियाचीन ग्लेशियर में शहीद हो गए थे. रविवार सुबह जब शहीद धर्मेंद्र का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो सभी की आंखें नम हो गईं.

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शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव.
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Published : Jan 19, 2020, 2:47 PM IST

कानपुर: जिले के घाटमपुर कोतवाली स्थित बिराहीनपुर गांव में उस वक्त कोहराम मच गया, जब सियाचिन ग्लेशियर में तैनात घाटमपुर के लाल का पार्थिव शरीर सेना द्वारा उसके पैतृक गांव लाया गया. इस दौरान परिजनों के साथ ही पूरे गांव वालों की आंखें भी नम हो गईं, जिसके बाद पूरे गांव के लोगों ने अपने लाल को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.

शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव.
  • धर्मेंद्र घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव का रहने वाले थे.
  • धर्मेंद्र की तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में थी.
  • गुरुवार को चौकी पर हिमस्खलन होने के चलते बर्फबारी में दबने से उनकी मौत हो गई थी.
  • रविवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर गांव आते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया.
  • शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर आते ही गांव में लोंगो का सैलाब उमड़ पड़ा.

इसे भी पढ़ें- कानपुर: सियाचिन में बर्फ में दबकर शहर का बेटा हुआ शहीद

इस दौरान शहीद की बहन ने कहा कि मेरा भाई शेर था. वह अपने पीछे दो संतानें छोड़ गया है. इतनी कम उम्र में उसने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण गवां दिए.

कानपुर: जिले के घाटमपुर कोतवाली स्थित बिराहीनपुर गांव में उस वक्त कोहराम मच गया, जब सियाचिन ग्लेशियर में तैनात घाटमपुर के लाल का पार्थिव शरीर सेना द्वारा उसके पैतृक गांव लाया गया. इस दौरान परिजनों के साथ ही पूरे गांव वालों की आंखें भी नम हो गईं, जिसके बाद पूरे गांव के लोगों ने अपने लाल को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.

शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव.
  • धर्मेंद्र घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव का रहने वाले थे.
  • धर्मेंद्र की तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में थी.
  • गुरुवार को चौकी पर हिमस्खलन होने के चलते बर्फबारी में दबने से उनकी मौत हो गई थी.
  • रविवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर गांव आते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया.
  • शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर आते ही गांव में लोंगो का सैलाब उमड़ पड़ा.

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इस दौरान शहीद की बहन ने कहा कि मेरा भाई शेर था. वह अपने पीछे दो संतानें छोड़ गया है. इतनी कम उम्र में उसने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण गवां दिए.

Intro:कानपुर :- बोली शहीद की बहन , शेर था मेरा भाई ।

घाटमपुर कोतवाली के बिराहीनपुर गांव में आज उस वक्त कोहराम मच गया जब सियाचिन ग्लेशियर में तैनात घाटमपुर के लाल का पार्थिव शरीर सेना के द्वारा उसके पेपर गांव लाया गया जिसके चलते परिजनों के साथ साथ पूरे गांव की आंखें भी नम हो गई पूरे गांव ने अपने लाल को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी सब का रो रो कर बुरा हाल हो गया




Body:आपको बता दें कि धर्मेंद्र घाटमपुर के बिराहिनपुर गांव का रहने वाला था जो कि सियाचिन ग्लेशियर में तैनात था गुरुवार को चौकी पर हिमस्खलन होने के चलते बर्फबारी में दबकर उसकी मौत हो गई थी आज सुबह सहित का पार्थिव शरीर पर तक गांव आते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया शहीद धर्मेंद्र का पार्टी सही आते ही गांव में ग्रामीणों का सैलाब उमड़ पड़ा ग्रामीणों ने सेना के द्वारा शहीद का पार्थिव शरीर उतारते ही अमर रहे अमर रहे के नारे लगाने शुरू कर दिए परिजनों ने कहा कि हमें अपने लाल पर गर्व है शहीद की बहन बोली कि मेरा भाई शेर था वह अपने पीछे दो संतानें छोड़ गया है इतनी कम उम्र में उसने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण गवा दिए ।

बाइट :- बहन , शहीद ।


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