कानपुर: जिले के घाटमपुर कोतवाली स्थित बिराहीनपुर गांव में उस वक्त कोहराम मच गया, जब सियाचिन ग्लेशियर में तैनात घाटमपुर के लाल का पार्थिव शरीर सेना द्वारा उसके पैतृक गांव लाया गया. इस दौरान परिजनों के साथ ही पूरे गांव वालों की आंखें भी नम हो गईं, जिसके बाद पूरे गांव के लोगों ने अपने लाल को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.
- धर्मेंद्र घाटमपुर के बिराहीनपुर गांव का रहने वाले थे.
- धर्मेंद्र की तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में थी.
- गुरुवार को चौकी पर हिमस्खलन होने के चलते बर्फबारी में दबने से उनकी मौत हो गई थी.
- रविवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर गांव आते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया.
- शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर आते ही गांव में लोंगो का सैलाब उमड़ पड़ा.
इसे भी पढ़ें- कानपुर: सियाचिन में बर्फ में दबकर शहर का बेटा हुआ शहीद
इस दौरान शहीद की बहन ने कहा कि मेरा भाई शेर था. वह अपने पीछे दो संतानें छोड़ गया है. इतनी कम उम्र में उसने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण गवां दिए.