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कानपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रा को हुआ स्वाइन फ्लू, कई ने छोड़ा हॉस्टल

कानपुर में मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा को स्वाइन फ्लू हो गया. इस कारण कई ने हास्टल छोड़ दिया है. छात्रावास के पास कई सुअर मरे पड़े मिले थे.

मेडिकल कॉलेज
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Published : Sep 29, 2022, 7:26 AM IST

Updated : Sep 29, 2022, 7:50 AM IST

कानपुर: शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से बुधवार देर रात छात्रा की रिपोर्ट आ गई. वहीं, जब मंगलवार को छात्रा के वायरल से पीड़ित होने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था तो मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों का कहना था कि छात्रा में एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफ्लाइटिस के लक्षण मिले थे, जिससे छात्रा के मस्तिष्क में संक्रमण हो गया था. अब, वहीं छात्रा में स्वाइन फ्लू के लक्षणों की जानकारी के बाद से बुधवार देर रात कई छात्र हॉस्टल छोड़कर घर लौट गए हैं.

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला, उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि समेत अन्य विशेषज्ञ छात्रा के मामले को देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि छात्रा के मस्तिष्क के संक्रमण को दूर करने के लिए इंटर वेनस इम्यूनो ग्लोबिन (आइवीआइजी) इंजेक्शन की पहली डोज जब दी गई तो छात्रा के मस्तिष्क में कुछ हलचल हुई थी. इंजेक्शन की एक 10 ग्राम की डोज का मूल्य 14600 रुपये है, जबकि छात्रा को कुल 12 डोज देनी होंगी.

यह भी पढ़ें: प्राइमरी स्कूल में बच्चों को परोसा गया नमक और चावल, देखें VIDEO

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में मंगलवार को जब नगर निगम व मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण किया था तो देखा था कि कई सुअर मरे पड़े मिले थे. अब, यही माना जा रहा है कि इन सुअरों से ही छात्रा में स्वाइन फ्लू का संक्रमण फैल गया. हालांकि, अब राहत व बचाव के काम तेजी से किए जा रहे हैं. स्वाइन फ्लू के संक्रमण संबंधी फैलाव को रोकने के लिए मेडिकल कॉलेज कैंपस में दवा का छिड़काव व फॉगिंग कराई गई है. टीमें कैंपस में गई थीं. वहां दो से तीन दिनों तक यह काम चलता रहेगा.

कानपुर: शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से बुधवार देर रात छात्रा की रिपोर्ट आ गई. वहीं, जब मंगलवार को छात्रा के वायरल से पीड़ित होने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था तो मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों का कहना था कि छात्रा में एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफ्लाइटिस के लक्षण मिले थे, जिससे छात्रा के मस्तिष्क में संक्रमण हो गया था. अब, वहीं छात्रा में स्वाइन फ्लू के लक्षणों की जानकारी के बाद से बुधवार देर रात कई छात्र हॉस्टल छोड़कर घर लौट गए हैं.

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला, उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि समेत अन्य विशेषज्ञ छात्रा के मामले को देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि छात्रा के मस्तिष्क के संक्रमण को दूर करने के लिए इंटर वेनस इम्यूनो ग्लोबिन (आइवीआइजी) इंजेक्शन की पहली डोज जब दी गई तो छात्रा के मस्तिष्क में कुछ हलचल हुई थी. इंजेक्शन की एक 10 ग्राम की डोज का मूल्य 14600 रुपये है, जबकि छात्रा को कुल 12 डोज देनी होंगी.

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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में मंगलवार को जब नगर निगम व मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण किया था तो देखा था कि कई सुअर मरे पड़े मिले थे. अब, यही माना जा रहा है कि इन सुअरों से ही छात्रा में स्वाइन फ्लू का संक्रमण फैल गया. हालांकि, अब राहत व बचाव के काम तेजी से किए जा रहे हैं. स्वाइन फ्लू के संक्रमण संबंधी फैलाव को रोकने के लिए मेडिकल कॉलेज कैंपस में दवा का छिड़काव व फॉगिंग कराई गई है. टीमें कैंपस में गई थीं. वहां दो से तीन दिनों तक यह काम चलता रहेगा.

Last Updated : Sep 29, 2022, 7:50 AM IST
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