कानपुर: शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College kanpur) में स्वाइन फ्लू से ग्रसित छात्रा पाखी की कई दिनों पहले मौत हो गई थी. पाखी की मौत (pakhi death in gsvm medical college) को लेकर छात्रों का कहना था, कि कैंपस में बहुत अधिक गंदगी फैली थी. इस वजह से संक्रमण फैला और पाखी समेत कई छात्र-छात्राएं बीमार हुए. गुरुवार तक कैंपस में हालात नहीं सुधरे और जब मेयर प्रमिला पांडेय यहां निरीक्षण करने पहुंची तो उन्हें भी गंदगी के ढेर लगे मिले. मेयर ने कैंपस के सफाई कर्मियों को जब बुलाया, तो मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के जिम्मेदार सभी सफाई कर्मियों को न बुला सके.
कैंपस में हजारों की संख्या में बने हैं अवैध घर: मेयर प्रमिला पांडेय ने देखा कि कैंपस में हजारों की संख्या में अवैध घर बने हैं. माना गया कि इन घरों से ही निकलने वाला कूड़ा और गंदगी से परिसर गंदा हुआ. इसके अलावा जिस निजी कंपनी के पास कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी थी, उसे भी पांच लाख रुपये का भुगतान कई महीनों से नहीं किया गया. वहीं, जब कॉलेज प्राचार्य डा.संजय काला से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने महापौर की सभी बातों को निराधार बताया.
एक दूसरे पर जमकर लगाए आरोप: महापौर ने कहा, सॉालिड वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 के तहत नगर निगम किसी संस्था के परिसर में सफाई के लिए बाध्य नहीं है. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने इस बात पर पलटवार कर कहा, कि फिर मेयर कैंपस का निरीक्षण करने क्यों आईं. इस बात पर मेयर ने जवाब दिया, कि वह शहर की प्रथम नागरिक हैं. छात्रा की मौत संबंधी जानकारी के बाद कैंपस पहुंची थीं. इसी तरह मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने कहा, कि उन्होंने अवैध घरों की जानकारी डीएम व कमिश्नर को दे दी है. सभी घरवालों को नोटिसें भेजी जा चुकी हैं.
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